घाटी में जीवन रक्षक दवाओं की भारी किल्लत
श्रीनगर, 22 अगस्त (आईएएनएस)। घाटी में रहने वाले शकील अहमद मीर को उस समय भारी निराशा हाथ लगी, जब उन्हें मधुमेह पीड़ित मां के लिए इंसुलिन इंजेक्शन नहीं मिल पाया। दरअसल, घाटी में मीर जैसे कई लोग हैं जिन्हें जीवन रक्षक दवाईयों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
श्रीनगर, 22 अगस्त (आईएएनएस)। घाटी में रहने वाले शकील अहमद मीर को उस समय भारी निराशा हाथ लगी, जब उन्हें मधुमेह पीड़ित मां के लिए इंसुलिन इंजेक्शन नहीं मिल पाया। दरअसल, घाटी में मीर जैसे कई लोग हैं जिन्हें जीवन रक्षक दवाईयों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
मां के लिए आवश्यक दवा नहीं मिल पाने से परेशान मीर ने कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें। उन्होंने इंसुलिन इंजेक्शन के लिए दिल्ली में रहने वाले अपने दोस्त से कहा है।
श्रीनगर के लाल चौक पर दवाई की दुकान चला रहे मोहम्मद सलीम ने आईएएनएस से कहा, "जीवन रक्षक दवाईयों की यहां भारी किल्लत है। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर प्रदर्शनों के कारण ऐसी स्थिति बन गई है।"
गौरतलब है कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को भूमि आवंटन करने के साथ ही घाटी में विरोध ्रप्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। इसके बाद सरकार ने भूमि आवंटन आदेश रद्द दिया। इस पर जम्मू में हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। राज्य में गत ढाई महीने से लगातार हो रहे प्रदर्शनों और बंद के कारण आवश्यक वस्तुओं की किल्लत देखी जा रही है।
हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 40 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारी राजमार्ग को अपना निशाना बना रहे हैं, जिस कारण घाटी में आवश्यक वस्तुएं नहीं पहुंच पा रही हैं।
घाटी के मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने जम्मू पर कथित 'आर्थिक नाकेबंदी' का आरोप लगाया है। घाटी के चिकित्सकों के अनुसार दवाईयों की यहां भारी किल्लत है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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