ऐतिहासिक गलतियों को दोहराना चाहते हैं वाम दल : कांग्रेस
नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस ने कहा है कि वैसे तो आगामी आम चुनावों के बाद उसे वाम दलों के सहयोग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी लेकिन यदि उनकी जरूरत पड़ जाए और उन्होंने समर्थन नहीं किया तो यह उनकी ऐतिहासिक गलतियों की पुनरावृत्ति होगी। साथ ही इससे सांप्रदायिक ताकतें मजबूत होंगी।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस ने कहा है कि वैसे तो आगामी आम चुनावों के बाद उसे वाम दलों के सहयोग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी लेकिन यदि उनकी जरूरत पड़ जाए और उन्होंने समर्थन नहीं किया तो यह उनकी ऐतिहासिक गलतियों की पुनरावृत्ति होगी। साथ ही इससे सांप्रदायिक ताकतें मजबूत होंगी।
उल्लेखनीय है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात ने गुरुवार को एक टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि वाम दल भविष्य में कभी भी कांग्रेस से समझौता नहीं करेंगे।
उनके इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने आज कहा, "कांग्रेस को समर्थन न देकर वाम दल पूर्व में की गई अपनी ऐतिहासिक गलतियों को फिर से दोहराएंगे। पूर्व में भी वामदलों ने ऐतिहासिक गलतियां की हैं। 1977 में जनसंघ को मुख्य धारा में लाने की उन्होंने गलती की। तात्कालीन जनता पार्टी की सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी को मंत्री बनाने में वाम दलों की भूमिका रही।"
उन्होंने कहा, "इसके बाद 1988-89 में वाम दलों ने भाजपा के साथ मिलकर तात्कालीन वी. पी. सिंह की सरकार बनाने में मदद करके ऐतिहासिक भूल की थी।"
उन्होंने कहा, "वैसे तो अगले आम चुनावों के बाद कांग्रेस को वाम दलों के सहयोग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी लेकिन यदि जरूरत पड़ गई और उन्होंने हमारा समर्थन नहीं किया तो वह पूर्व में की गई अपनी ऐतिहासिक गलतियों की पुनरावृत्ति करेंगे। इसके साथ ही उसका यह कदम धर्मनिरपेक्ष ताकतों को कमजोर और सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत करेगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।