उम्रदराज मरीज चिकित्सकों को नहीं बताते अपनी चिंताएं
वाशिंगटन, 1 अगस्त (आईएएनएस)। उम्रदराज मरीज और उनके चिकित्सक शल्य क्रिया के बारे में आपस में अधिक बातचीत नहीं करते। यह बात एक नए अध्ययन से पता चली है।
शोधकर्ताओं ने पहले चिकित्सकों और मरीजों के बीच होने वाली बातचीत की रिकार्डिग की और उसके बाद उन्होंने मरीजों का साक्षात्कार करके यह पता लगाने का प्रयास किया कि उनके बीच बातचीत में कौन-कौन से पहलू छूट गए।
पाया गया कि उम्रदराज मरीजों ने साक्षात्कार के दौरान अपनी आधी चिताएं ही जाहिर कीं।
इंडियाना विश्वविद्यालय के चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर रिचर्ड एम. फ्रैंकेल ने कहा, "जो बातें मरीज नहीं बताते वे काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि उनसे मरीजों की परेशानियां समझने में मदद मिलती है।"
अध्ययन के निष्कर्ष 'बोन एंड ज्वाइंट सर्जरी' नामक जर्नल के जुलाई अंक में प्रकाशित किए गए हैं।
फ्रैंकेल और उनके सथियों ने पाया कि मरीजों के पर्याप्त जानकारी न देने से सही इलाज नही हो पाता।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 84 फीसदी लोगों की चिंताएं शल्य चिकित्सा, उसके बाद के जीवन आदि से संबंधित थीं। 16 फीसदी मरीजों की चिंताएं चिकित्सक की योग्यता से संबंधित थीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।