अमरनाथ विवाद : पुलिस फायरिंग में 2 की मौत, कई घायल (राउंडअप)
जम्मू, 1 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) से जमीन वापस लिए जाने का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर शुक्रवार देर शाम हुई पुलिस फायरिंग में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक घायल हो गए।
उग्र प्रदर्शनकारियों ने राजभवन के समीप एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया, वहीं प्रदर्शनकारियों ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने जम्मू आए नेशनल कांफ्रेंस के नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता मेहबूबा मुफ्ती को जम्मू हवाई अड्डे पर तीन घंटे से अधिक समय तक रोके रखा।
प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को जाम कर दिया और राज्यपाल एन.एन. वोहरा के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने जाम को हटाने के लिए फायरिंग की, जिसमें 15 लोग घायल हो गए। घायलों में दो ने बाद में दम तोड़ दिया।
इससे पूर्व फारुक अब्दुल्ला और मेहबूबा मुफ्ती को शुक्रवार को जम्मू हवाई अड्डे पर अमरनाथ संघर्ष समिति (एवाईएसएस) के प्रदर्शनकारियों ने तीन घंटे से अधिक समय तक रोके रखा।
फारुक और मेहबूबा राज्यपाल द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए श्रीनगर से जम्मू आए थे। दोनों नेताओं के जम्मू पहुंचने की खबर लीक होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया और पथराव किया।
एसएएसबी से जमीन वापस लिए जाने का विरोध कर रहे इन प्रदर्शनकारियों ने दोनों नेताओं को बैठक के लिए राजभवन जाने से रोके रखा।
हवाई अड्डे पर फंसे दोनों नेताओं को राज्य सरकार ने राजभवन पहुंचाने के लिए हेलीकाप्टर की सुविधा देने की योजना बनाई, लेकिन प्रदर्शनकारियों के आक्रोश और योजना के लीक हो जाने के भय से दोनों नेता तीन घंटे से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हवाई अड्डे से निकल पाए।
फारुक और मेहबूबा को हवाई अड्डे से बाहर निकालने के लिए राजभवन की ओर जाने वाले रास्ते पर राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तीन बटालियन को तैनात किया गया था।
एसएएसबी को आवंटित जमीन वापस लिए जाने का विरोध कर रहे 30 संगठनों के समूह अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति (एवाईएसएस) ने इस विवाद पर कश्मीरी नेताओं के जम्मू पहुंचने पर विरोध जताया है।
दोनों पक्षों के गुरुवार की वार्ता बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गई थी। एवाईएसएस के प्रवक्ता तिलक राज शर्मा ने आईएएनएस से कहा कि जब तक राज्यपाल कोई ठोस प्रस्ताव नहीं भेजते, तब तक उनके साथ फिर बातचीत करने कर कोई मतलब नहीं होगा।
इससे पहले शर्मा ने कहा था कि जब तक अपने लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा और साथ-साथ वार्ता भी जारी रहेगी। लेकिन जब सैकड़ों लोगों ने तिलक राज शर्मा और संघर्ष समिति के संयोजक लीला कर्ण के आवास पर एकत्रित होकर उनसे कहा कि वार्ता से पहले जमीन मिलनी चाहिए तो उन्होंने अपना रुख बदल लिया।
उधर राज्यपाल वोहरा ने जम्मू के प्रमुख नागरिकों और सभी पार्टियों के नेताओं की एक बैठक बुलाई है। इस बीच आंदोलनकारियों ने अपने नेताओं को किसी प्रकार का समझौता नहीं करने की चेतावनी दी है। शुक्रवार को जम्मू में लगातार नौवें दिन बंद जारी रहा। दुकानें, स्कूल और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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