इलाज हृदयरोगियों का जीवन बचाता है,लेकिन खुशी नहीं देता
वाशिंगटन, 15 जुलाई (आईएएनएस)। हृदयरोग से पीड़ित मरीजों की उम्र इलाज के बाद बढ़ तो जाती है, लेकिन वे खुशगवार जिंदगी नहीं बिता पाते।
यह तथ्य एक अध्ययन में उजागर हुआ है। अटलांटा के सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के शोधकर्ताओं ने हृदय रोगियों और सामान्य वयस्कों के जीवन का चार पैमानों पर अध्ययन किया, उन्होंने पाया कि हृदय रोगियों की तुलना में सामान्य वयस्कों का जीवन स्तर नौ फीसदी बेहतर था।
शोधकर्ताओं ने इस शोध के दौरान 18 से 49 आयुवर्ग के हृदय रोगियों और स्वस्थ लोगों की शारीरिक, मनौवैज्ञानिक और सामाजिक गतिविधियों का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि हृदय रोगी अपने जीवन से बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं थे।
शोध प्रमुख झी ने बताया, "हृदयरोग से पीड़ित होने पर युवा बहुत दबाव महसूस करते हैं, क्योंकि ये बीमारी उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाती है, जबकि बुर्जगों पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है।"
उन्होंने बताया कि आम लोगों की तुलना में हृदय रोगियों का मानसिक स्वास्थ्य 2.4 फीसदी, जबकि शारीरिक स्वास्थ्य 9.2 फीसदी कम आंका गया।
इस अध्ययन के निष्कर्षो का प्रकाशन 'सर्कुलेशन' नामक पत्रिका के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।