आजीवन प्रतिबंध की सजा से बच सकते हैं आसिफ
नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान प्रतिबंधित दवा के सेवन के दोषी पाए गए पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ आजीवन प्रतिबंध की सजा से बच सकते हैं।
पाकिस्तान के समाचार पत्र 'डान' के मुताबिक आसिफ हालांकि अपने करियर में दूसरी बार प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के दोषी पाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद आईपीएल से जुड़े इस ताजातरीन मामले में उन पर अधिक से अधिक दो साल का प्रतिबंध लग सकता है।
इसका कारण यह है कि डोपिंग निरोधी विश्व संस्था (वाडा) की सूची में आसिफ पहली बार डोपिंग के दोषी पाए गए हैं। 2006 में जब आसिफ भारत में हुई चैंपियंस ट्राफी के दौरान पहली बार प्रतिबंधित दवा 'नेंड्रोलान' के सेवन के दोषी पाए गए थे, तब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और वाडा के बीच डोप संबंधी करार पर हस्ताक्षर नहीं हुए थे।
इस लिहाज से आईपीएल और वाडा के नियमों के मुताबिक आसिफ पर दो साल के प्रतिबंध का मामला बनता है।
आईपीएल की आयोजन समिति के प्रमुख ललित मोदी ने सोमवार को डोप विवाद में आसिफ के शामिल होने की आधिकारिक घोषणा करते समय कहा था कि अगर आसिफ ने 'थेरापॉटिक यूज एक्जंप्शन' (टीयूई) के लिए आवेदन किया होता तो वह बच सकते थे।
आसिफ के बचने की उम्मीद इसलिए थी क्योंकि टीयूई का आवेदन करने के साथ ही खिलाड़ी खुले तौर पर यह घोषणा कर देता है कि वह जल्द फिट होने के लिए ऐसी कुछ दवाइयां भी इस्तेमाल कर रहा है, जिनके कारण उसके शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ पहुंच सकते हैं। इस आवेदन के साथ इस बात को लेकर खिलाड़ी की मंशा साफ हो जाती है कि वह शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए किसी दवा का प्रयोग नहीं कर रहा है।
आसिफ ने टीयूई के लिए आवेदन नहीं किया। इस लिहाज से वह वाडा की आचार-संहिता की अनुसूची 2.1.1 के उल्लंघन के दोषी पाए गए, जिसमें कहा गया है, 'यह एथलीट या खिलाड़ी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने शरीर के अंदर किसी प्रकार की प्रतिबंधित दवा नहीं जाने दे।'
आईपीएल में दिल्ली नाइट राइडर्स टीम का प्रतिनिधत्व करने वाले आसिफ थोड़ी चोटिल अवस्था में भारत आए थे। उस समय वह अपने गेंदबाजी वाले हाथ का इलाज करा रहे थे। इस कारण उनके लिए टीयूई के लिए आवेदन करना बेहद जरूरी हो गया था।
बहरहाल, आसिफ ने डोपिंग के नए मामले को लेकर हैरानी जताते हुए खुद को निर्दोष करार दिया है। साथ ही उन्होंने आशा जताई है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इस फजीहत से निकलने में उनकी मदद करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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