जलवायु परिवर्तन की लड़ाई नया एनपीटी न बन जाए : सरन
नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जलवायु परिवर्तन मामले के विशेष दूत श्याम सरन ने कहा है कि दुनिया में जलवायु परिवर्तन को लेकर चल रही लड़ाई को नया एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) नहीं बनने देना चाहिए।
'इंडियन वुमेंस प्रेस कार्प्स' के सदस्यों को संबोधित करते हुए सरन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बनाई गई रणनीतियों और एनपीटी में समानताएं गिनाई। उन्होंने कहा कि एनपीटी के कारण दुनिया दो भागों में बंट चुकी है। एक में वे देश हैं, जो परमाणु शक्ति से संपन्न हैं। दूसरे में वे हैं, जिनके पास परमाणु शक्ति नहीं है।
सरन ने कहा कि पर्यावरण में कार्बन डाइआक्साइड गैस खपाने की सीमित क्षमता होती है। इसके ज्यादातर हिस्से पर विकसित देशों ने कब्जा जमाया हुआ है। इसका एक छोटा सा हिस्सा विकासशील देशों के लिए छोड़ा गया है।
जलवायु परिवर्तन के मसले पर भारत के विशेष दूत ने कहा कि अधिक विकास करने के कारण कार्बन उर्त्सजन में वृद्धि होना स्वाभाविक है। लेकिन विकासशील देशों से कहा जाता रहा है कि वे कार्बन उत्सर्जन कम करने के अपनी-अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएं।
उन्होंने कहा, 'यही कारण है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने से संबंधित भारत का दृष्टिकोण 'समानता' पर आधारित है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।