आरक्षित टिकट की वापसी की अवधि बढ़ी
रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिना यात्रा किये गये आरक्षित टिकटों के पैसे की वापसी किसी भी कंप्यूटराइज्ड रिजर्वेशन केन्द्र से ली जा सकती है. इसके लिए पहले यात्री की तिथि से पांच दिन की अवधि निर्धारित थी.
पांच दिन बीत जाने के बाद वापसी का आवेदन दावा कार्यालय में देना पड़ता है. वहां से जांच के बाद मामला सही पाये जाने पर यात्री के घर पर पे आर्डर भेजा जाता है. इसकी लम्बी प्रक्रिया को देखते हुए रेलवे ने इसमें बदलाव का निर्णय लिया.
उन्होनें बताया कि अब यात्रा की तिथि से 30 दिन के अंदर किसी भी टिकट खिड़की पर बिना इस्तेमाल किया गया टिकट पेश करने पर नियमानुसार रिफंड नकद लिया जा सकता है. इसे फरवरी के अंतिम सप्ताह से ही पूरे देश में लागू कर दिया गया है. यह नियम लागू होने के बाद उत्तर रेलवे ने नयी दिल्ली में बनाया गया प्रीमियम रिफंड काउंटर बंद कर दिया.
सूत्रों
ने
बताया
कि
इसमें
इस
तरह
के
भी
मामले
आते
हैं
कि
यात्रा
करने
के
बाद
टिकट
रिफंड
के
लिए
प्रस्तुत
किया
जाता
है.
इस
तरह
की
घटना
पर
रोक
लगाने
के
लिए
रेलवे
ने
इडीआर
र्फ्मा
भरवाने
का
नियम
शुरू
किया
है
जिसमें
यह
दर्शाया
जाता
है
कि
किस
आरक्षित
यात्री
ने
यात्रा
नहीं
की.
इसे
पीआरएस
सिस्टम
मे
डाल
दिया
जाता
है.