किसान कर्ज माफी घोषणा के पहले 13 दिन में 34 आत्महत्याएं
नयी दिल्ली 14 मार्च .वार्ता. आम बजट में किसानों का साठ हजारकरोड रूपये का कर्ज माफ करने की घोषणा के बावजूद देश काअन्नदाता आत्म हत्या के रास्ते पर बढने को मजबूर है और इस घोषणाके बाद के पहले 13 दिन में 34 किसानों ने खुदकशी की है1 राज्यसभा में आज शून्यकाल के दौरान किसानों की मुसीबतों कामुद्दा उठाते हुए स्वतंत्र कामकार पार्टी के श्री शरद जोशी ने ये दहलानेवाले आंकडे पेश करते हुए कहा कि कृष िमंत्री शरद पवार और महाराष्ट्रके उप मुख्यमंत्री आर आर पाटिल के गैर जिम्मेदाराना हिदायतों केकारण विदर्भ में किसानों की आत्म हत्या का सिलसिला और तेज हुआहै1 उन्होंने कहा कि बजट पेश होने के बाद से अकेले विदर्भ क्षेत्र में 26किसानों ने अपनी जान ले ली1 उन्होंने आरोप लगाया कि इसका कारणश्री पवार और श्री पाटिल की वह हिदायत है जिसमें उन्होंने किसानों सेमहाजनों का कर्ज नहीं लौटने की बात कही है1 श्री जोशी ने कहा कि विदर्भ में परिपाटी है कि वहां किराने औरकपडों आदि की खरीदारी के लिए किसान दुकानों से सामान उठातारहता है और फसल के समय साल में एक दो बार वह हिसाब चुकताकरता है1 लेकिन अब इन दुकानदारों ने किसानों को सामान देना बंदकर दिया है और मुसीबत ेल रहे काश्तकार के लिए रोजमर्रा की चीजेंलेना भी भारी पड गया है1 शून्यकाल में ही भारतीय जनता पार्टी .भाजपा. के श्री रूद्रमणिपाणि ने आईडीबीआई के सफाई कर्मचारियों के आंदोलन की आेरसरकार का ध्यान खींचा जबकि कांग्रेस के श्री जयप्रकाश अग्रवाल नेस्टील का निर्यात बंद करने की मांग की ताकि स्टील की लगातार बढतीकीमतों पर अंकुश लगाया जा सके
कौशिक शेखर रामलाल1300वार्ता
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