दिल का दौरा. नोचांस
नयी दिल्ली. 12 फरवरी. वार्ता. दिल का दौरा.. नो चांस ..क्योकि अब जरा सी भी बेचैनी महसूस होने पर दिल खुद.ब.खुद बोल उठेगा.. हेलो...
यह संभव हो सकेगा दिल पर लगातार नजर रखने वाली एक अत्याधुनिक होम मानिटरिंग प्रणाली जिसका नाम है.. इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिबि्रलेटर. आईसीडी.1 यह प्रणाली दिल के मरीजों के लिए किसी जादुई करिश्मे से कम नहीं लगती1 यह उपकरण मरीज के दिल का पूरा.. हाल.. पेसमेकर की बैटरी तथा सकिट के फेल होने की स्थिति जैसी तमाम छोटी.बडी अत्यंत महत्वपूर्ण सूचनाओं की जानकारी देश में ही नहीं. दुनिया भर में कही भी मौजूद डाक्टरोंं तक सीधे पहुंचा देगा
इस आईसीडी के साथ ही एक कम रेंज का रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रांसमीक्टर भी लगा होता है जो मोबाइल फोन से मिलता. जुलता होता है.जिसे मरीज जेब में या अपने बैग में आसानी से रख सकता है1 इसी ट्रांसमीटर के जरिए मरीज के दिल का हाल फोन के जरिए कंपनी के सर्विस सेंटर में पहुंचता रहता है जहां से उसे जरुरी स्वप में रुपांतरित कर स्वचालित प्रक्रिया के माध्यम से सुरक्षित इन्टरनेट सूचना केन्द्र में रखा जाता है1 दिल की हल्की सी परेशानी की स्थिति मेंं यह.. डाटा.. सम्बद्ध डाक्टर के पास भेज दिया जाता है
एस्कोर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक डाक्टर टी एस क्लेर ने आज यहां बताया कि गंभीर स्थिति में डाक्टर अगर चाहे तो इस उपकरण को पहले ही रोगी की जरुरतोंं के मुताबिक उसे.. प्रोग्राम.. भी कर सकता है
डाक्टर क्लेर ने कहा कि कार्डियेक एरिथेमिया थैरेपी के लिए यह एक जबरदस्त सुविधा साबित होगी और ऐसे रोगियों के लिए जिन्हेंं पेसमेकर या आई सी डी लगा हो उनके लिए तो यह सचमुच वरदान की तरह है
जर्मनी की ब्रायोट्रैनिक जी एम बी एच एन्ड कंपनी के जी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाक्टर वर्नर ब्रांन ने बताया कि दुनिया भर के एक लाख से ज्यादा मरीज इस उपकरण का सफलता पूर्वक इस्तेमाल कर रहे हैं और कंपनी अपनी भारतीय सहायक कंपनी बायोट्रौनिक इंडिया के जरिए इस तकनीक को अब भारत में ले आई है
आरती. नीलिमा. अजय नंद1446 वार्ता