जस्टिस चौधरी ने मुशर्रफ् के खिलाफ् लिखा खुला पत्र
इस्लामाबाद 30 जनवरी.वार्ता.पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अपने घर में नजरबंद पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी ने फ््रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी.अमरीकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस.बि्रटिश प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन.यूरोपीय ससंद के अध्यक्ष हेंस गर्ट पोट्ररिंग और विश्व आर्थिक मंच के प्रमुख को एक पत्र लिखकर कहा है कि जब मुल्क में न्यायापालिका ही आजाद नहीं है तो ऐसे में आम चुनाव का मतलब क्या है
जस्टिस चौधरी ने पत्र में लिखा ...एक देश का शासनाध्यक्ष होने का दावा करने वाला व्यक्ति.मुशर्रफ्.एक मुख्य न्यायाधीश से डरता है और इसी डर के कारण उसे नजरबंद कर रखा है 1अगर देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते है तो अच्छी बात होगी लेकिन जब तक न्यायापालिका को आजाद नहीं किया जाता तब तक ऐसे चुनाव का मतलब क्या होगा1... उन्होंने कहा...मैं इस्तीफ्ा नहीं देना चाहता था 1लेकिन मुशर्रफ् ने मुे इस्तीफ्ा देने पर मजबूर करने की कोशिश की 1... गौरतलब है कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने विश्व आथिक मंच के सम्मेलन के दौरान जस्टिस चौधरी को भ्रष्ट और देश विरोधी न्यायाधीश कहा था 1जस्टिस चौधरी की रिहाई को लेकर वकील और नागरिक संगठन कई बार प्रदर्शन कर चुके है 1पत्र में जस्टिस चौधरी ने खुद को पाकिस्तान का असली मुख्य न्यायाधीश बताया है1उन्होंने कहा कि मौजूदा न्यायापालिका सरकार के रहमोकरम पर काम कर रही है
जस्टिस चौधरी को पाकिस्तान में तीन नवंबर को इमरजेंसी के बाद बर्खास्त कर दिया गया था
अंकुर.निर्मल.प्रभु 1817वार्ता