जघन्य अपराधोंकी जांच के लिए नाटको. ब्रेन मैपिंग जरूरी है
नयी दिल्ली 22 जनवरी .वार्ता. केन्द्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि पालीग्राफी ब्रेन मैपिंग और नाको टेस्ट जांच पडताल के लिए जरूरी है और जघन्य अपराधों जैसे आतंकवाद. हत्या. बलात्कार और डकैती समेत कई मामलों को हल करने में इससे मदद मिलती है
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. जी बालाकृष्णन और न्यायमूर्ति आर. वी रवीन्द्रन एवं न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी की पीठ के समक्ष सोलिसिटर जनरल जी ई वाहनवती ने कहा कि ये टेस्ट वैज्ञानिक जांच के हिस्से है और पालीग्राफी एवं ब्रेन मैपिंग का अभियुक्त के शरीर पर सीधा असर नहीं होता1 केवल नारको टेस्ट में नियंति्रत मात्रा में सोडियम पेंनाटोस दिया जाता है
केन्द्र ने न्यायालय के समक्ष रखे अपने तथ्यों में कहा है कि समाज के हित के मद्देनजर इन तरीको के उपयोग ने कोई संवैधानिक अडचन नहीं है
याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर इन परीक्षणों का विरोध किया है कि इनके लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाईयां और बिजली के टके अभियुक्त के शरीर और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है1 इस तरह के परीक्षणों से मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने संकेत दिया कि यदि इन तरीकों के इस्तेमाल करने की अनुमति जांच एजेंसियों को नहीं दी जाती है तो वे थर्ड डिग्री के तरीके का सहारा ले सकते है1 सुनवाई कल भी जारी रहेगी
देवेन्द्र.इंद्र.समरेन्द्र.रमेश202
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