सिडनी टेस्ट के बाद क्रिकेट जगत विभाजित
अंतरराष्ट्रीय
क्रिकेट
परिषद
(आईसीसी)
के
स्टीव
बकनर
को
बर्खास्त
करने
से
सिडनी
टेस्ट
मैच
विवाद
से
पहले
से
विभाजित
क्रिकेट
जगत
में
और
दरार
आ
गयी
है.
इससे
पूर्व
खिलाड़ी
इसके
पक्ष
और
विपक्ष
में
अपनी
प्रतिक्रिया
जाहिर
कर
रहे
हैं.
बकनर को इस श्रृंखला के बचे हुए मैचों से हटाने के आईसीसी के फैसले से कई खिलाड़ी नाराज़ हैं. इन सभी को लगता है कि अंतरराष्ट्रीय संस्था इस अमीर भारतीय बोर्ड की वित्तीय सत्ता के सामने झुक गयी है. जबकि भारत के सिडनी में रूकने और दौरे पर संदेह बनाये रखने को आईसीसी पर दबाव बनाने के लिये ब्लैकमेल रणनीति के तहत देखा जा रहा है.
आस्ट्रेलिया की खेल भावना के व्यवहार और इस पूरे मामले में रिकी पोंटिंग की भूमिका पर भी पूर्व खिलाड़ी कड़ी आलोचना कर उसे हटाने की बात रहे हैं. जबकि अन्य खिलाड़ी इस कप्तान का समर्थन कर रहे हैं और उनका मानना है कि हरभजन सिंह की कथित नस्ली टिप्पणी की रिपोर्ट दर्ज कराकर उन्होंने सही किया.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान टोनी ग्रेग ने कहा कि जहां तक मेरी समझ की बात है उन्हें किसी भी तरह की नस्ली टिप्पणी की रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. अगर उसे ऐसा आदेश दिया गया है तो उसे ऐसा करना ही पड़ेगा.
उन्होंने हेराल्ड सन को कहा कि मुझे उम्मीद है कि क्रिकेट में मौजूद लोग इसके निपटारे के योज्ञ हैं. अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो यह हमारे क्रिकेट के लिये एक धब्बा होगा.
वहीं बीसीसीआई उपाध्यक्ष ने कहा है कि हमारे लिए तो यह विवाद तभी खत्म होगा जब हरभजन को नस्लभेदी टिप्पणी करने के आरोप से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाए. मोदी ने इस आरोप का खंडन किया कि बीसीसीआई अपनी आर्थिक चौधराहट दिखा कर आईसीसी को ब्लैकमेल कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर हरभजन की अपील नामंजूर कर दी जाती है तो हम दौरे के बारे में नए सिरे से विचार करेंगे.
उन्होंने कहा कि सवाल धन या ताकत का नहीं है. हम किसी पर दबाव नहीं डाल रहे. हम तो न्याय के लिए लड़ रहे हैं. हम हरभजन की अपील का अंजाम जानने के बाद नए सिरे से फैसला करेंगे.
इस विवाद को देखते हुए एसीटी एकादश के खिलाड़ियों को चेतावनी दी गई है कि वे भारत के खिलाफ आज कैनबरा में शुरू हुए तीन दिवसीय वार्मअप मैच के दौरान छींटाकशी से बचें.
वहीं यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि आईसीसी इस मामले को दौरा पूरा होने तक लटकाए रखना चाहती है. स्पीड ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कि है कि इससे सम्बद्ध खिलाड़ियों के बयान लेने के लिए उन्हें एक स्थान पर एकत्र करना मुख्य समस्या है.
उन्होंने पर्थ टेस्ट में अंपायर स्टीव बकनर की जगह बिली बोडन को शामिल करने के आईसीसी के निर्णय को बचाव करते हुए कहा कि ऐसा बीसीसीआई को खुश करने के लिए नहीं बल्कि खेल की भलाई के लिए किया गया है.
उन्होंने
कहा
कि
हमने
दोनों
देशों
में
उग्र
बर्ताव
के
लिए
जिम्मेदार
कारणों
को
समाप्त
करने
का
प्रयास
किया
है.
यदि
बकनर
आगामी
टेस्ट
मैचों
में
अंपायरिंग
करते
तो
उनके
सभी
निर्णयों
को
कंमेंटेटर
और
दर्शकों
द्वारा
संदेह
की
नजर
से
देखा
जाता.