अनार के दाने निकालने का उपकरण
नई दिल्ली, 15 दिसम्बरः लुधियाना स्थित केन्द्रीय फसल कटाई प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीएचईटी) ने अनार के दाने अलग करने का एक ऐसा हस्तचालित नया उपकरण बनाया है जिससे छिलके से बीच अलग करना आसान होगा बल्कि उन्हें लम्बे समय तक खराब होने से बचाया जा सकेंगा.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस उपकरण से न केवल पेड़ से फलों को सुरक्षित काटने में बल्कि उनमें से खाद्य भाग को भी प्रभावी ढंग से अलग किया जा सकेगा ताकि भण्डारगृह में एक फल के खराब होने से पूरा स्टाक ही खराब नहीं हो. परम्परागत तरीके में अनार से दाने निकालने के लिये उसे टुकडों में काट कर उनी मुदगर से चोट की जाती है और फिर उंगलियों से दाने निकाले जाते है अनार का जूस निकालने के लिये इन बीजों को दबाकर रस निकाल लिया जाता है. इस कार्य में समय और श्रम दोनो ही काफी लगता है.
इस नये उपकरण से अनार को टुकडो में काटे बिना उसका ऊपरी छिलका आसान से तोड़कर उगलियों से हटा दिया जायेगा ताकि दाने अलग कर दिये जाये. पके फलों को पेड़ से अविलम्ब काटकर अलग करना बहुत जरुरी होता है.
उल्लेखनीय है कि देश में अनार की पैदाबार महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश में होती है. पंजाब और राजस्थान में भी इसकी खेती बढ़ रही है. वर्तमान में हर वर्ष छह लाख टन अनार पैदा होता है. उससे अनार का रस, स्कवैश, जैली, अनारदाना और मादक पेय बनाया जाता है.