मिटटी से जुडे जनपदीय कवि ति्रलोचन पंचतत्व में विलीन
नयी दिल्ली 10 दिसंबर वार्ता. हिन्दी की प्रगतिशील कविता की अंतिम कडी महाकवि ति्रलोचन शास्त्री आज पंचतत्व में विलीन हो गए
91 वर्षीय ति्रलोचन का कल शाम साढे चार बजे गाजियाबाद स्थित वैशाली में उनके निवास पर निधन हो गया था
राजधानी के निगमबोध घाट पर महाकवि के पुत्र अमितप्रकाश ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को दोपहर एक बजे मुखाग्नि दी
निराला और नागार्जुन की तरह फक्कड व्यक्तित्व के कवि ति्रलोचन की शवयात्रा में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित नामवर सिंह जनसत्ता के सलाहकार संपादक प्रभाष जोशी केदारनाथ सिंह विश्वनाथ ति्रपाठी नित्यानंद तिवारी रामदरश मिश्र विष्णुचन्द्र शर्मा के अलावा जनसंस्कृति मंच के उपाघ्यक्ष मंगलेश डबराल मदन कश्यप विष्णु नागरआेम थानवी समेत बडी संख्या में लेखक पत्रकार और संस्कृतिकर्मी मौजूद थे
20 अगस्त 1917 को उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर जिले के चिरानी पटटी में जन्मे ति्रलोचन की शवयात्रा करीब पूर्वाहन करीब साढे ग्यारह बजे के आसपास शु1 वैशाली स्थित निवास पर दूरदर्शन के अधिकारी कुबेरदत्त कवि पत्रकार सुरेश सलिल उर्मलेश समेत कई लेखक पत्रकार वहां मौजूद थे 1 ति्रलोचन के निधन से केदारनाथ अग्रवाल और नागाजर्ुून के बाद हिन्दी की प्रगतिशील और जनपदीय चेतना की न केवल आखिरी कडी सामाप्त हो गयी बल्कि हिन्दी में फक्कड और रिषी परंपरा के लेखकों के युग का भी अंत हो गया 1 यही नहीं अब हिन्दी .. सानेट.. लिखने वाला भी कोई नहीं रहा 1 ति्रलोचन ने हिन्दी में .. सानेट.. लिखने की नयी परम्परा की शु भी की थी 1 अरविंद राम1357वार्ता