विश्व में बाल मृत्युदर घटी लेकिन भारत में अब भी
नयी दिल्ली 10 दिसंबर .वार्ता. पूरे विश्व में भेले ही बाल मृत्युदर में कमी आई है लेकिन पांच वर्ष से कम उम्र के जितने बच्चों की वहीं पूरी दुनिया में मौत होती है उसमें से 21 फीसदी बच्चे भारत में मरते हैं और इसमें से भी 50 फीसदी की मौत का कारण कुपोषण होता है
यूनीसेफ द्वारा आज जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है1 प्रोगेस फौर चिल्ड्रन ए वल्र्ड फिट फौर चिल्ड्रन स्टैटेस्टिकल रिव्यू ..नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व में वर्ष 2006 में बाल मृत्यु दर घट कर लगभग 97 लाख हो गई लेकिन इनमें से 21 फीसदी मौते भारत में हुई1 जिनमें से 21 लाख बच्चे तो अपने जीवन के पांच वर्ष या इससे भी कम ही देख पाए1 इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इन 21 फीसदी मौतों से 50 प्रतिशत का कारण कुपोषण था
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत यदि 2015 तक 38 के सहत्राब्दि विकास लक्ष्य को हासिल करना चाहता है तो अगले 10 वषो में उसे बाल मृत्यु दर की मौजूदा गिरती दर को 2.6 प्रतिशत से बढाकर 7.6 प्रतिशत करनी होगी1 विश्व में करीब 40 लाख बच्चे जन्म लेने के 28 दिन के भीतर ही मर जाते है इनमें से 25 प्रतिशत यानी 10 लाख बच्चे भारत में मरते हैं
भारत में ऐसे बच्चों की संख्या विश्व में सर्वाधिक है जिनका कभी टीकाकरण किया ही नहीं गया1 ऐसे बच्चे की संख्या भारत में करीब 94 लाख है1 विश्व में जिन दो करोड 6 लाख बच्चों को रोधनिरोधक .डीपीटी के टीके नहीं लग पाते उनमें से 7 करोड 15लाख बच्चे भारत में हैं
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