ताज,खजुराहो पर्यटकों की पहली पंसद
नई दिल्ली, 30 नवम्बरः ताजमहल, खजुराहों के मंदिर, कुतुब मीनार और अजंता एलोरा की गुफायें देश-विदेश के पर्यटकों की पहली पंसद है.
संस्कृति और पर्यटन मंत्री अम्बिका सोनी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2006-07 के दौरान ताजमहल देखने आये पर्यटकों से टिकट के रुप में 14 करोड़ 81 लाख रुपये की धनराशि हासिल हुयी. खजुराहों के मंदिरों से दो करोड़ 1 लाख रुपये, अजंता-एलोरा की गुफाओं से एक करोड़ 65 लाख रुपये, कुतुब मीनार से चार करोड़ 61 लाख रुपये मिले. आगरे के किले से सात करोड़ 88 लाख रुपये और फतेहपुर सीकरी से तीन करोड़ 69 लाख रुपये मिले.
देश-विदेश के बौद्धों के तीर्थस्थल सारनाथ,वाराणसी, से 14 लाख 48 हजार रुपये की शुल्क राशि हासिल हुयी. इसके अलावा विदेशी करेंसी में करीब एक लाख 80 हजार डॉलर की धनराशि प्राप्त हुयी.
देश में इस समय पुरातात्विक महत्व के 116 स्थल है जो भारतीय पुरातात्विक सर्वे के अधीन है तथा जहां प्रवेश के लिये टिकट का प्रावधान है. इन स्थलों से वर्ष 2006-07 के दौरान प्रवेश शुल्क के रुप में कुल 63 करोड़ रुपये की धनराशि मिली जिसमें 17 लाख 56 हजार डॉलर की धनराशि शामिल है. इन स्थलों के रख-रखाव पर एक वर्ष में कुल 21 करोड़ 93 लाख रुपये खर्च हुये.
कर्नाटक में हम्पी. तमिलनाडु में कांचीपुरम मंदिर और उड़ीसा में कोर्णाक का सूर्य मंदिर भी पर्यटकों के आकर्षण के मुख्य केन्द्र है.