नौकरियां चली छोटे शहरों की आेर
नयी दिल्ली 30 अक्टूबर.वार्ता. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र .एनसीआर. और मेट्रो शहरों में अगले तीन चार वषो के दौरान रोजगार के अवसरों में 50 फ्ीसदी तक की कमी आने. जबकि टियर टू और टियर थ्री शहरों में रोजगार के अवसर बढने की संभावना है
उद्योग व्यापार संगठन एसोचैम के ...नौकरियों के अवसरों के मामलें में उभर रहे शहरों ..के बारें में कराए गए अध्ययन के मुताबिक टियर टू और टियर थ्री शहरों के युवाओं को निर्माण .रियल एस्टेट.आटोमोबाइल और बीपीओं क्षेत्रों में नौकरियां मिलेंगी
इस अध्ययन में कहा गया है कि छोटे शहरों में रोजगार के अवसर बढेंगे और वहां के युवा अपने शहरों में रह कर ही बेहतर रोजगार पा सकेंगे1बडी कंपनियां और निवेशक छोट ेशहरों में हजारों करोड रूपयों का निवेश कर रहे है जिससे स्थानीय युवकों को मेट्रों शहरों के समतुल्य वेतन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी1 अध्ययन में कहा गया है कि मेट्रों शहरों में महंगी होती सुविधाओं एवं जमीन के अभाव की वजह से आथिक गतिविधियों के विकेन्द्रीकरण हो रहा है1 इस रिपोर्ट को जारी करते हुए एसोचैम के अध्यक्ष वेणुगोपाल एन धूत ने कहा कि अब छोटे शहरों के युवा अपने पैतृक राज्य में ही बेहतर रोजगार पा सकेगे1 उन्होंने कहा कि हमदाबाद. इंदौर. नासिक. हैदराबाद. पुणे. जमशेदपुर. लखनऊ और मेरठ जैसे शहर अब नौकरियों के मामले में आगे रहेंगे
श्री धूत ने कहा कि इन शहरों के अलावा चंडीगढ.लुधियाना. जयपुर. शिमला. सोलन. इलाहाबाद और देहरादून जैसे शहरों में भी बडे पैमाने पर निवेश हो रहा है1 एसोचैम का अनुमान है कि टियर टू और टियर थ्री शहरों में कंपनियों की परिचालन लागत 15 से 20 प्रतिशत की कमी आएगी
पुनीत कैलाश जगबीर1800वार्ता