अर्थ.. रिण नीति .. रेड्डी दो अंतिम नयी दिल्ली
आर्थिक विकास की दर को साढे आठ प्रतिशत पर बनाये रखने ेको न्यायपूर्ण बताते हुये डा. रेड्डी ने कहा कि यह अनुमान अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतों में और वृद्धि नहीं होने और देश दुनिया में कोई बडी उठापटक नहीं होने परआधारित है1 उन्होंने कहा कि घरेलू स्थिति में तो ज्यादा बदलाव की आशंका नहीं है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मुख्य तौर पर चार कारण है जिनसे घरेलू अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है1 पहला.. कच्चे तेल के दाम में लगातार वृद्धि. दूसरा..विदेशी मुद्रा का आगमन बढने से. तीसरा..चीनी बाजार जहां कीमतों में भारी वृद्धि का संकेत हैं और अंतत चौथा कारण इसका असर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में महंगाई के प में सामने आने के प में है
उन्होंने कहा कि हालांकि विशेषग्यों का भी मानना है कि विदेशी उठापटक के टकों को व्यवस्थित करना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है बशर्ते कि उसपर सतत् निगाह रखी जाये और निपटने की तैयारी भी होती रहे1 उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत इस मामले में बेहतर स्थिति में है1 उन्होंने कहा कि मांग और आपूर्ति के बेहतर प्रबंधन से महंगाई को नियंति्रत किया गया है और आगे भी इसपर नजर बनी रहेगी1 कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से घरेलू तेल कंपनियों को हो रहे नुकसान के सवाल पर डा. रेड्डी ने कहा पेट्रोल. डीजल की कीमतों में कुछ वृद्धि की जरत पड सकती है. लेकिन इसका महंगाई पर ज्यादा असर नहीं होगा
डा. रेड्डी ने कहा कि देश में विदेशी मुद्रा की भारी आमद को देखते हुये यह जरी है कि इसकी खपत क्षमता को बढाया जाये और बारीकी से नजर रखी जाये ताकि आर्थिक तंत्र में स्थायित्व बना रहे1 उन्होंने कहा कि उच्च आर्थिक विकास के लिये भी यह जरी है1 उन्होंने कहा कि व्यापक आर्थिक मानक रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुप ही रहे हैं1 कृष िक्षेत्र का प्रदर्शन पिछले साल से बेहतर रहा है तो उद्योग और सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन भी घोषति अनुमानों के अनुप ही रहा है1 उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि पर उन्होंने कहा कि यह खाद्यान्नों के दाम बढने की वजह से रहा है
महाबीर.पुनीत.राणा 2032वार्ता