राजनैतिक दलों की राम सेतु को मुद्दा बनाने की कोशिश..शंकराचार्य
सिवानी .म.प्र.. 29 अक्टूबर. वार्ता द्वारकापीठ एवं ज्योतिषपीठ केशंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने सेतु समुद्रम नौवहन नहर परियोजना की समीक्षा के लिये गठित की गयी केन्द्र सरकार की दस सदस्यीय समिति में किसी धर्माचार्य को शामिल नहीं करने की आज तीखी आलोचना की 1 उन्होंने यहां पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी विमला वर्मा के निवास पर अल्पकालिक प्रवास के दौरान पत्रकारों से कहा कि यदि हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गयी तो इसका कडा विरोध किया जायेगा1 स्वामी स्वरुपानंद ने कहा कि रामसेतु तोडने की मानसिकता राष्ट्र को असुरक्षित करने वाली मानसिकता है1 सेतु को तोडकर नहर बनाये जाने से इस समुद्र पर अंतरराष्ट्रीय आक्रमणों का खतरा बढ जायेगा1 देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी सेतु समुद्रम परियोजना घातक है1 स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि जहां पर्यावरण सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं वहीं सेतु समुद्रम परियोजनाके मूर्तरूप लेने से पर्यावरण बिगडना सुनिश्चित है 1 सैकडों प्रजाति केपक्षी एवं समुद्रीय जीव जंतु नष्ट हो जायेंगे 1धार्मिक दृष्टि से हमारे 12ज्योर्तिलिंग हैं जिनमें एक सेतुबंध ज्योर्तिलिंग है परंतु जब सेतु ही नहींरहेगा तो वह ज्योर्तिलिंग के प्रति आस्था पर कुठाराघात होगा जिसकाचारों शंकराचायो ने घोर विरोध किया है
उन्होंने कहा कि सरकार का उच्चतम न्यायालय में दाखिल शपथ पत्र आपत्ति जनक था 1उन्होंने आरोप लगाया कि यह राजनैतिक मुद्दा नहीं है परंतु राजनैतिक दलों द्वारा इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है और इनका मकसद है कि रामसेतु टूट जाये तो उन्हें राजनीति करने के लिए सशक्त मुद्दा प्राप्त हो जाये
सं.सत्या.राणा 2249वार्ता