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समा जाता है कि सुश्री राइस ने असैनिक परमाणु करार पर जल्द से जल्द अमल की अमरीका की इच्छा व्यक्त करते हुये संप्रग सरकार से यथाशीघ्र आयी .ए.ई. ए. एवं परमाणु सामग्री आपूर्तिकर्ता देशों के समूह .एन.एस.जी. से आवश्यक सहमति के लिये कदम उठाने को कहा और इसके बाद ही श्री मुखर्जी ने एक बार फिर माकपा से उक्त अपील की1 ग्यातव्य है कि करार पर संप्रग. वाम समिति की पांच बैठकों के बादभी विवाद के किसी भी बिन्दु पर सहमति की कोयी संभावना नजर नहीं आ रही है और वाम दलों की स्पष्ट राय है कि सरकार समिति के नतीजे आने से पहले आयी ए.ई.ए.या एन.एस. जी. से औपचारिक वार्ता शुरु न.न. करे1 गत 22 अक्टूबर को समिति की पांचवीं बैठक में .करार पर अमल की दिशा में कोई भी कदम समिति के निष्कषो को ध्यान में रखकर ही उठाने का आश्वासन दुहराकर संप्रग ने प्रकारांतर से . तब तक वार्ता शुरु नहीं करने का वादा कर लिया 1 समिति की अगली बैठक 16 नवम्बर को प्रस्तावित है
संप्रग की नयी अपील की खबरों के बारे में पूछे जाने पर माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य एम.के. पंधे तथा लोकसभा में माकपा के उपनेता मोहम्मद सलीम ने अनभिग्यता जाहिर की1लेकिन श्री पंधे ने जहां. वार्ता शुरु करने की ऐसी किसी भी इजाजत को परमाणु करार पर अमल की दिशा में कदम बढाने की अनुमति देने जैसा बतातेहुये इसकी संभावना से साफ इंकार किया. वहीं श्री सलीम ने.सुश्री राइस से लेकर अमरीकी विदेश उपमंत्री निकोलस बन्र्स. भारत में अमरीका के राजदूत डेविड मलफोर्ड. पूर्व विदेशमंत्री हेनरी किसिंजर तथा अन्य अमरीकी नेताओं के बार बार दबाव डालने और मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी तथा अन्य दलों तक से उनकी मनुहार का परोक्ष उल्लेख करते हुये कहा कि इससे स्पष्ट है कि करार वास्तव में अमरीका के हक में है1 राजेश.समरेन्द्र.अजय.राणा 2024वार्ता