सीआरआर बढाने से ब्याज दर बढाने का दबाव बढ सकता है
नयी दिल्ली 30 अक्टूबर.वार्ता. देश के प्रमुख वाणिज्यिक एवं उद्योग मंडलों ने बैंकों के नगद सुरक्षित अनुपात.सीआरआर. में आधा प्रतिशत बढोतरी से बैंकिग तंत्र में तरलता की कमी और रिण पर ब्याज दर बढने की आशंका जताई है
रिजर्व बैंक ने आज घोषति चालू वित्त वर्ष की रिण एवं मौद्रिक नीति में सीआरआर में आधा प्रतिशत बढोतरी कर इसे सात से साढे सात प्रतिशत कर दिया है1 दस नवम्बर से लागू होने वाली इस बढोतरी से बैंकिग तंत्र से 16 हजार करोड पए कम हो जायेगें1 बैंकों को अपनी कुल जमा का सीआरआर के प्रतिशत के बराबर पैसा रिजर्व बैंक के पास नगद के प में रखना होता है1 सीआरआर की यह दर वर्ष 2001 के बाद की सर्वाधिक है1 इसके अलावा रिजर्व बैंक ने नीति में कोई बदलाव नहीं किया है
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ.फिक्की. के अध्यक्ष हबील खोराकीवाला ने कहा कि सीआरआर में आधा प्रतिशत बढोतरी से बैंकों के समक्ष रिण देने वाले संसाधन कम होगें1 हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बढोतरी से ब्याज दरों पर कोई विपरीत असर नहीं पडेगा जो पहले ही उच्च स्तर पर बनी हुई हैं1 आवास विकास वित्त निगम.एचडीएफसी. के अध्यक्ष दीपक पारेख ने नीति पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक के एजेंडा में मुद्रास्फीति को काबू में रखना सवोपरि है और इसी लिए सीआरआर में आधा प्रतिशत की बढोतरी की गई है1 उन्होंने कहा कि इस बढोतरी से ब्याज दरों में वृदि्ध का खासा दबाव वह नहीं देखते हैं1 मिश्रा कैलाश जगबीर1732जारी वार्ता
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