Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा कोरोना के इलाज का फर्जी प्रिस्क्रिप्शन, रहें सतर्क
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच महामारी के इलाज को लेकर रोज नए-नए दावे सामने आ रहे हैं। ऐसा ही दावा सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि डॉक्टर द्वारा लिखे प्रिस्क्रिप्शन से कोरोना वायरस मरीजों का इलाज संभव है। हैरानी की बात यह है कि वायरल हो रहा प्रिस्क्रिप्शन दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल के लेटर हेड पर लिखा गया है और इस पर डॉ. राज कमल अग्रवाल की मुहर भी लगी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये रसीद पूरी तरह झूठी है।
दरअसल, कोरोना वायरस महामारी को लेकर लोगों के दिलों में खौफ बढ़ता ही जा रहा है, इस डर का फायदा उठाते हुए कुछ लोग सोशल मीडिया पर झूठ फैला रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर सर गंगा राम हॉस्पिटल के डॉक्टर राज कमल अग्रवाल की मुहर के साथ एक प्रिस्क्रिप्शन वायरल हुई है जिसमें लिखा है कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक जो लोग कोविड पॉजिटिव मरीजों के कॉन्टैक्ट में आए हैं, उनको होम आइसोलेशन पर रखा जाए, भले हल्के लक्षण हों। इसमें यह भी लिखा है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को मास्क पहनना चाहिए, सोशल डिस्टैंसिंग और साफ हाथ रखने के अलावा बचाव के लिए कुछ दवाइयां भी लेते रहना चाहिए।
वायरल पर्चे में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन 400 एमजी दवा हफ्ते में एक बार, विटामिन सी 1 ग्राम दवा रोज एक और जिंक टैबलेट 50 एमजी रोज खाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा यह भी लिखा है कि अगर बुखार हो तो क्रोसीन या कैल्पॉल 650 एमजी की एक खुराक तुरंत लें, अगर गले में दर्द और कफ की शिकायत होती है तो सेट्रिजिन 10 एमजी दवा, एलेक्स सिरप ले सकते हैं। यहां हम आपको एक बार फिर दोहरा दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये प्रिस्क्रिप्शन फर्जी है, खुद डॉ. अग्रवाल ने इस तरह के किसी भी नुस्खे से स्पष्ट रूप से इनकार किया है। इसके अलावा सर गंगाराम अस्पताल ने भी स्पष्ट किया कि वायरल हो रहा संदेश झूठा है।
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