Diwali 2020: स्थायी लक्ष्मी के लिए स्थिर लग्न में करें पूजा
Diwali 2020: तिथियों के संयुक्त होने के कारण इस बार रूप चतुर्दशी और दीपावली एक ही दिन मनाई जाएगी। 14 नवंबर 2020 शनिवार को सुबह रूप चतुर्दशी का अभ्यंग स्नान होगा, तो शाम को दीप मालिकाएं सजाकर महालक्ष्मी का पूजन किया जाएगा। 14 नवंबर को दोपहर 2.17 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहने के कारण रूप चतुर्दशी का अभ्यंग स्नान सुबह किया जाएगा और दोपहर बाद से अमावस्या तिथि होने के कारण कार्तिक पूजा, महालक्ष्मी पूजा, दीपावली पर्व रात्रि में मनाया जाएगा। 14 नवंबर को दोपहर 2.17 बजे के बाद से 15 नवंबर को प्रात: 10.36 बजे तक अमावस्या तिथि रहेगी। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग प्रात: 6.43 से रात्रि 8.08 बजे तक रहेगा। स्वाति नक्षत्र, आयुष्यमान और सौभाग्य योग की साक्षी तथा शनिवार का दिन होने के कारण स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
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14 नवंबर को दोपहर 2.17 बजे के बाद से 15 नवंबर को प्रात: 10.36 बजे तक अमावस्या तिथि रहेगी। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग प्रात: 6.43 से रात्रि 8.08 बजे तक रहेगा। स्वाति नक्षत्र, आयुष्यमान और सौभाग्य योग की साक्षी तथा शनिवार का दिन होने के कारण स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
दीपावली पूजन मुहूर्त
प्रदोष
काल-
सायं
5.39
से
8.16
बजे
तक
वृषभ
लग्न-
5.44
से
7.42
बजे
तक
सिंह
लग्न-
मध्यरात्रि
12.16
बजे
से
2.27
बजे
तक
अमावस्या
तिथि
आरंभ
14
नवंबर
को
दोपहर
2.17
बजे
से
चौघड़िया के अनुसार मुहूर्त
लाभ-
सायं
5.42
से
7.19
बजे
तक
शुभ-
रात्रि
8.57
से
10.34
बजे
तक
अमृत-
रात्रि
10.34
से
12.11
बजे
तक
मध्यरात्रि
मुहूर्त
चर-
मध्यरात्रि
12.11
बजे
से
रात्रि
1.49
बजे
तक
नोट : यह मुहूर्त उज्जैनी पंचांग और उज्जैनी सूर्योदय के अनुसार हैं। स्थानीय समय के अनुसार मुहूर्त में कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक का परिवर्तन संभव है। कृपया स्थानीय सूर्योदय के अनुसार मुहूर्त का समय देख लें।
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