जन्माष्टमी 2016: राशि के अनुसार करें भगवान श्रीकृष्ण का पूजन
लखनऊ। भगवान श्री कृष्ण एक अद्भुत कलाकार थे। 16 कलाओं में माहिर श्री कृष्ण ने अपने बौद्धिक बल पर दुनिया के महानतम ग्रन्थ गीता को अपने उपदेशों से रचित किया। श्री कृष्ण के दो रूप थे भौतिक और अध्यात्मिक। भौतिक रूप में उल्लास का उत्सव मनाया जाता है, जिसमें नाच, गाना गोपियो संग रास लीला मनाना आदि। कृष्ण का दूसरा पक्ष अध्यात्मिक है, जो उच्च श्रेणी का है। श्री कृष्ण ने अपने योग के दम पर विभिन्न प्रकार की कलाओं में महारत हासिल की थी।
जन्माष्टमी 2016: पूजा करने का सही मुहूर्त एवं समय
ऐसा पुराणों में वर्णित है कि जो भी व्यक्ति जन्माष्टमी का व्रत करके पूजन-पाठ करता है, वह विष्णुलोक को प्राप्त करता है। परन्तु मेरे मतानुसार यदि किसी बालक का जन्म होता है तो सभी लोग उस दिन अनेक प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर उत्सव मनाते है, तो फिर भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय हमें उपवास करने की आवश्यकता क्यों है? क्या हम लोग दुःखी है? जन्माष्टमी के दिन मिष्ठान-व्यजंनों का भोग लगाकर लोंगो में वितरण करें तथा स्वंय भी सेंवन करें। तभी हम प्रसन्नता के भाव प्रकट कर पायेंगे।
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इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 25 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र में पड़ रही है। चन्द्रमा वृष राशि में गोचर करेगा। वृष राशि में चन्द्रमा उच्च का होता है और रोहिणी नक्षत्र का स्वामी भी चन्द्रमा ही है, इसलिए इस बार की जन्माष्टमी विशेष महात्म्य है। चन्द्रमा मन कारक होता है। जिस कारण जन्माष्टमी पर मन से की गई प्रत्येक प्रार्थना श्रीकृष्ण जी स्वीकार करेंगे।
- व्रत पूजन विधि- प्रातःकाल उठकर स्नानादि नित्यकर्म से निवृत होकर व्रत का निम्न संकल्प करें।
- ऊॅ विष्णु, अदेत्यादि क्रोधी नामक संवत्सरे
- सूर्य दक्षिणायने वर्षतौ भाद्रपदमासे कृष्ण पक्षे
- श्री कृष्णजन्माष्टम्या तिथौ आमुकवासरे आमुकनामांह
- मम चतुवर्गसिद्धिद्वारा श्री कृष्णदेवप्रीतये जन्माष्टमी
- व्रतांगत्वेन श्री कृष्णदेवस्य यथमिलितोपचारैः पूजन करिस्ये।
इसके पश्चात केले के खम्भे, आम अथवा अशोक के पत्तों आदि से घर का द्वार सजायें तथा दरवाजे के मुख्य द्वार पर मंगल कलश भी स्थापित करें। रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति का विधिपूर्वक पंचामृत से स्नान कराकर, षोडशपचार से विष्णु भगवान करते समय इस मन्त्र का जाप करें। ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः। जन्मोत्सव के पश्चात कर्पूरादि प्रज्जवलित कर भगवान की आरती करें व प्रसाद का वितरण करें।
राशि के मुताबिक श्री कृष्ण का पूजन करें..
मेष
इस दिन गाय को मीठी वस्तुयें खिलाकर श्री कृष्ण जी का पूजन करें। ऊॅ कमलनाथाय नमः का जाप करें।
वृष
इस राशि वाले लोग दूध व दही से श्री कृष्ण जी का भोग लगायें। ऊं वासुदेवाय नमः का जाप करें।
मिथुन
आज के दिन गाय को हरी घास या पालक खिलायें एंव मिश्री का भोग लगाकर श्री कृष्ण जी का पूजन करें। ऊॅ गोविन्दाय नमः।
कर्क
जन्म अष्टमी के दिन ऑटे में मिश्री मिलाकर श्री कृष्ण जी का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें। ऊॅ हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नमः का जाप करें।
सिंह
आज के दिन श्री कृष्ण जी को मीठे चावलों का भोग लगाकर पूजन करें। ऊॅ क्लीं जगधराये नमः का जाप करें।
कन्या
इस राशि वाले लोग केसर मिश्रित दूध का भोग लगाकर श्री कृष्ण जी का पूजन करें एंव गाय को रोटी खिलायें। ऊॅ पीतम्बराय नमः का जाप करें।
तुला
जन्म अष्टमी के दिन गाय को पके चावल खिलायें तथा श्री कृष्ण जी को फलों का भोग लगाकर पूजन करें। ऊॅ श्रीं उपेन्द्राय अच्युत्ताय नमः का जाप करें।
वृश्चिक
इस राशि वाले लोग ऑटे में पनीर भरकर गाय को खिलायें एंव केसरिया चावलों का श्री कृष्ण जी का भोग लगायें। ऊॅ श्रीं वत्सले नमः का जाप करें।
धनु
आज के दिन मीठे हलवे से श्री कृष्ण जी का भोग लगाकर पूजन करें। ऊॅ श्रीं देवकृष्णाय नमः उर्ध्वदन्ताय नमः का जाप करें।
मकर
चने की दाल में काली मिर्च मिलाकर श्री कृष्ण जी का भोग लगाकर पूजन व अर्चन करें। ऊॅ नारायण सुरसिंधे नमः का जाप करें।
कुम्भ
आज के दिन गायों को जौं आटा खिलायें एंव श्री कृष्ण जी को हलवा पूड़ी का भोग लगाकर पूजन करें। ऊॅ लीला धाराय नमः का जाप करें।
मीन
इस दिन छोटे-2 बच्चों को बॉसुरी उपहार में दे तथा श्री कृष्ण जी को पीले वस्त्रों सजाकर लडडुओं का भोग लगाकर पूजन व अर्चन करें। ऊॅ देवकी-नंदनाय नमः का जाप करें।