मिर्जापुर: सैयदराजा सीट पर दो बाहूबली समेत तीन ठाकुरों के बीच रोचक हुआ मुकाबला
पहले बसपा के बाहूबली विनीत सिंह और अब भाजपा से बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह के आने से सपा में बेचैनी बढ़ गई है। तो ठाकुर बाहुल्य सीट होने के चलते मुकाबला दिलचस्प होता दिख रहा है।
चंदौली।
जिले
की
सैयदराजा
विधानसभा
सीट
पर
दो
बाहूबलियों
के
मैदान
में
आने
से
पूर्वांचल
की
यह
सबसे
हाई
प्रोफोइल
सीट
हो
गई
है।
यहां
पर
धन-बल,
बाहूबल
के
चलते
तीन
ठाकुरों
में
रोचक
मुकाबला
होने
जा
रहे
है।
वर्तमान
विधायक
मनोज
सिंह
डब्लू
2012
में
निर्दलीय
चुनाव
जितने
के
बाद
सपा
में
चले
गए
थे
तो
इस
बार
वो
सपा
से
प्रत्याशी
हैं।
बसपा
से
प्रत्याशी
पूर्व
एमएलसी
बाहूबली
विनीत
सिंह
तीन
साल
से
चुनाव
की
तैयारी
कर
रहे
हैं।
वहीं
भाजपा
ने
डॉन
बृजेश
सिंह
के
भतीजे
सुशील
सिंह
को
मैदान
में
उतारा
है।
नामांकन
दाखिल
करने
के
लिए
विनीत
सिंह
पेरोल
पर
छूटे
हैं।
14
फरवरी
को
वो
नामांकन
करेंगे।
दो
बाहूबलियों
समेत
तीन
ठाकुरों
के
बीच
होने
वाले
इस
त्रिकोणीय
लड़ाई
पर
सबकी
निगाहें
हैं।
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अखिलेश के खिलाफ विवादित पोस्ट से बनी पहचान
बसपा प्रत्याशी विनीत सिंह ने पिछले साल सीएम अखिलेश यादव के खिलाफ फेसबुक पर विवादित पोस्ट अपलोड किया था। इस मामले के बाद विनीत सिंह प्रदेश सरकार के निशाने पर आ गए थे। उनके खिलाफ स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। कूछ दिन बाद एक पुराने मामले में जमानत कराने के बाद उन्होंने रांची के कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। विनीत ने नामांकन के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी।
चंदौली में जगह न होने के चलते उन्हें पेरोल पर रांची पुलिस सेंट्रल जेल लाई। जहां उनके विरोधी गुट के एमएलसी डॉन बृजेश सिंह बंद हैं। इसलिए विनीत को सेंट्रल जेल के बजाए जिला कारागार में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। 14 फरवरी को विनीत नामांकन करने सैयदराजा जाएंगे। जेल में बंद विनीत सिंह के चुनाव प्रचार का जिम्मा उनकी पत्नी, भाई और पुत्र ने संभाल रखा था।
डॉन बृजेश सिंह के भतीजे हैं भाजपा प्रत्याशी सुशील सिंह
सैय्यदराजा विधानसभा सीट से बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह को उतारे जाने का कयास लगाया जा रहा था। अन्नपूर्णा की बीजेपी के एक सहयोगी पार्टी से बातचीत चल रही थी। पिछले पांच सालों से उनके समर्थक क्षेत्र में जोरशोर से चुनाव प्रचार कर रहे थे। इस बीच बीजेपी ने विनीत को टक्कर देने के लिए सुशील सिंह को मैदान में उतार दिया।
सुशील सिंह की तमाम रिश्तेदारियां इस इलाके में पड़ती हैं। इतना ही नहीं इनके अच्छे-खासे समर्थक भी इस इलाके में माने जाते हैं। पहले वाली धानापुर विधानसभा का जो इलाका सैयदराजा में जुड़ा है, वह इलाका आज भी सुशील सिंह का पैरोकार है।
हालांकि अभी वह सकलडीहा विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन अभी वो पुराने लोगों से जुड़े हैं और इनके कार्यक्रमों में सक्रियता बनाए रखे हैं। सुशील सिंह सकलडीहा से विधायक हैं लेकिन इस बार उनकी सीट बदल गई है।
निर्दलीय विधायक बनने वाले सपा प्रत्याशी मनोज का भी है प्रभाव
मनोज सिंह मूल रूप से सैयदराजा विधानसभा के निवासी हैं और मौजूदा विधायक हैं। सपा में शामिल होने के बाद शासन-प्रशासन में उनकी पकड़ भी बढ़ चुकी है। कोई सरकारी आयोजन हो या किसी इलाके का दौरा इनका तेवर देखने लायक होता है। मनोज सिंह डब्लू ने 2012 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीतने के बाद वह सपा में चले गए।
आम जन में इनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। लेकिन पहले बसपा के बाहूबली विनीत सिंह और अब भाजपा से बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह के आने से इस खेमे में बेचैनी बढ़ गई है। ठाकुर बाहुल्य सीट होने के चलते तीनों ठाकुरों में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलने वाला है।
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