शर्मनाक: अस्पताल के बाहर पिता की गोदी में बच्ची ने तड़पकर दम तोड़ा
गोरखपुर मे बच्चों की मौत के बाद अब यूपी के शाहजहांपुर में भी बच्चों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां पिछले 15 दिन मे 10 बच्चों की मौत हो चुकी है।
शाहजहांपुर। गोरखपुर मे बच्चों की मौत के बाद अब यूपी के शाहजहांपुर में भी बच्चों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां पिछले 15 दिन मे 10 बच्चों की मौत हो चुकी है लेकिन बीती रात डॉक्टरों की लापरवाही से जिला अस्पताल के बाहर एक चार साल की बच्ची की तड़प-तड़प कर मौत हो गई लेकिन डॉक्टर ने उस बच्ची का इलाज नहीं किया। इसके बाद पिता बच्ची को गोद मे लेकर अस्पताल के बाहर इधर-उधर भागता रहा लेकिन उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था।
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प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज कराने के लिए नहीं थे पैसे
पिता के पास प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। जिला अस्पताल के डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए जिसके बाद बच्ची ने तड़प-तड़प कर पिता की गोदी में जान दे दी। वहीं सीएमओ का कहना है कि बच्चों की मौत डिप्थीरिया बिमारी से हो रही है। इस समय डॉक्टर की टीम गांव भेज दी गई है। दरअसल थाना जलालाबाद के मनोरथपुर गांव मे पिछले 15 दिन में दस मासूमों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने मौत का कारण डिप्थीरिया बिमारी बताई है लेकिन बीती रात जिला अस्पताल के डॉक्टरों की घोर लापरवाही सामने आई है। यहां बीती रात मनोरथपुर गांव के रहने वाले सुखीराम ने अपनी चार साल की बेटी को दोपहर दो बजे जिला अस्पताल मे भर्ती कराया था।
डॉक्टर ने बच्ची को लखनऊ किया रेफर
पिता के मुताबिक उसकी बेटी के पिछले कई दिन से बुखार और गले मे सूजन आ रही थी जिसके बाद उसने बेटी को गुरुवार दोपहर दो बजे जिला अस्पताल मे भर्ती कराया। उसके बाद डाक्टरों ने बेटी के एक बोतल चढ़ा दी। उसके बाद उसको कोई डॉक्टर देखने नहीं आया जिससे उसकी तबियत बिगड़ती चली गई। तबियत बिगड़ती देख उसने डॉक्टर से शिकायत की तो डॉक्टर ने गुस्से मे आकर कहा कि इसका इलाज यहाँ संभव नहीं है, इसको लखनऊ रेफर कर रहे हैं, वहां इलाज कराओ। इतने में उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई जिससे उसके मूंह से खून की कमी आने लगा। आरोप है कि डॉक्टर ने बच्ची को लखनऊ रेफर कर दिया। जब उसने लखनऊ जाने से इंकार किया तो डॉक्टरों ने उसे अस्पताल से निकाल दिया।
पिता की गोद में गई बच्ची की जान
गंभीर हालत में बच्ची पिता की गोद में तड़प रही थी और पिता रोता हुआ लोगों से गुहार लगा रहा था कि उसकी बेटी को अस्पताल मे भर्ती करा दे। हलांकि इतने मे कोतवाली पुलिस पहुंची और बच्ची को दोबारा अस्पताल मे ले गए। डॉक्टर की जिद के आगे बच्ची जिंदगी से जंग हार गईर। वहीं पिता गरीबी की वजह से मजबूर था क्योंकि उसके पास ऑटो के किराये के पैसे तक नहीं थे। आखिरकार डॉक्टर ने दोबारा लखनऊ भेजने के लिए एंबुलेंस बुलाई। इतने में ही बच्ची की मौत हो गई।
अब तक दस बच्चों की हो चुकी है मौत
वहीं सीएमओ आरपी रावत का कहना है कि मनोरथपुर में बच्चों की मौत डिप्थीरिया जैसी बिमारी से हो रही है। गांव में डॉक्टर की टीम पिछले कई दिनों से कैंप कर रही है। बच्चों का इलाज किया जा रहा है। अब तक दस बच्चों की मौत हो चुकी है।
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