शहीद होने से पहले IAF के बहादुर पायलट्स के एक फैसले ने बचाईं कई जिंदगियां
तेजपुर। पिछले दिनों इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने एक हादसे में फिर से अपने दो बहादुरों को गंवा दिया। विंग कमांडर मनदीप सिंह ढिल्लन और फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रमोद कुमार सिंह समेत सार्जेंट गुर्जर एक हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हो गए। शहीद होने से पहले इन बहादुरों ने देश के लिए अपना फर्ज निभाया और बाढ़ में फंसे 169 लोगों की जिंदगियों की रक्षा की। अफसोस की बात ये बहादुर एक और अनहोनी को नहीं टाल सके और शहीद हो गए। वहीं दोनों के सूझबूझ भरे एक फैसले ने कई लोगों की जान भी बचाई।
रेस्क्यू ऑपरेशन से लौट रहा था हेलीकॉप्टर
फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रमोद कुमार सिंह और विंग कमांडर मनदीप सिंह ढिल्लन दोनों ही असम के तेजपुर स्थित एयरफोर्स की 115वीं हेलीकॉप्टर यूनिट में पोस्टेड थे। दोनों को अरुणाचल प्रदेश के पापुन पारे जिले में भूस्खलन के बाद आई भयंकर बाढ़ में राहत कार्य के लिए लगाया गया था। अरुणाचल प्रदेश सरकार के अनुरोध के बाद दोनों सैंकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए बिना समय गंवाएं रवाना हो गए।
खराब मौसम के बाद भी नहीं हटे पीछे
एक फ्लाइट इंजीनियर और अरुणाचल प्रदेश पुलिस के एक जवान के साथ विंग कमांडर ढिल्लन और फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रमोद एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव के साथ सागली रवाना हुए। मौसम लगातार बिगड़ता जा रहा था लेकिन फिर भी दोनों ने हार नहीं मानी। सागली से नाहरलागुन तक पांच सॉर्टीज के बाद दोनों ने 160 लोगों की जान बचाई।
लोगों की जिंदगी खतरे नहीं डाली
दोनों जिस समय सागली गांव के लिए छठवीं सॉर्टी के लिए रवाना होने वाले थे, मौसम और बिगड़ गया। दोनों ने फैसला किया कि वे आम नागरिकों की जिंदगियों को खतरे में नहीं डालेंगे। इसके साथ ही उन्होंने और लोगों को हेलीकॉप्टर पर न लेने का मन बनाया। गांव से टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनटों बाद रडार से हेलीकॉप्टर का संपर्क टूट गया और फिर एक बुरी खबर आई।
एयरफोर्स का अहसानमंद अरुणाचल
विंग कमांडर ढिल्लन और फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रमोद का अंतिम संस्कार तेजपुर में ही किया गया। अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू भी इस मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि दोनों बहादुर पायलट्स ने लोगों की जान बचाई और सैंकड़ों लोग उनके और एयरफोर्स के अहसानमंद रहेंगे। विंग कमांडर ढिल्लन के पिता भी एयरफोर्स से ही रिटायर हैं और 16 जुलाई को पटियाला में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है।
पूरा परिवार देश सेवा में
फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रमोद आगरा के रहने वाले थे और उनकी पत्नी अदिति भी एक एयरफोर्स ऑफिसर हैं। अदिति एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर हैं। वहीं शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रमोद के बड़े भाई सेना में हैं और उनका मेजर प्रवीण सिंह है। फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिंह के पिता भी सेना से रिटायर हैं। इतनी कम उम्र में अपने बेटे के चले जाने से दोनों सदमे में हैं लेकिन उन्हें इस बात का गर्व हैं कि उनके बेटे ने लोगों की रक्षा में अपने प्राण त्यागे।
कैडेट्स के आदर्श थे विंग कमांडर मनदीप
विंग कमांडर मनदीप के पास 18 वर्षों तक फ्लाइंग का अनुभव था। उन्होंने बर्फीली पहाड़ियों से लेकर नॉर्थ ईस्ट के जंगलों तक में अपने अनुभव का बेहतर प्रदर्शन किया। उनके साथी मानते हैं कि उनके जाने के बाद से एयरफोर्स ने एक बेहतरीन पायलट खो दिया है। वह यंग ऑफिसर्स के लिए जहां एक रोल मॉडल थे तो वहीं नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के कैडेट्स के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा। वह एनडीए के इंस्ट्रक्टर भी रहे थे।