दिग्गज अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर यूआर राव का निधन
लंबी बीमारी के बाद इसरो के विख्यात वैज्ञानिक प्रोफेसर यूआर राव का निधन, हृदय की बीमारी से जूझ रहे थे
नई दिल्ली। भारत के जाने-माने वैज्ञानिक यूआर राव का आज सुबह निधन हो गया। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इसरो के वैज्ञानिक राव के निधन के बाद इसरो को एक बड़ी हानि हुई है। इसरो के तकरीबन हर बड़े अभियान का यूआर राव परोक्ष या अपरोक्ष रूप से हिस्सा थे। राव ने अंतिम सांस 2.30 बजे ली। वह हृदय की लंबी बीमारी से जूझ रहे थे।
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प्रोफेसर राव इसरो के पूर्व मुखिया थे। प्रोफेसर राव फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन थे, इसके अलावा वह तिरुवनंतपुरम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के भी वह चांसलर थे। अपने जीवन काल में प्रोफेसर राव ने कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं थी, इसमें विदेशों के विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। उन्होंने 10 अंतर्राष्ट्रीय अवॉर्ड और कई राष्ट्रीय अवॉर्ड भी जीते हैं। सतीश धवन के बाद प्रोफेसर राव ने 1984 से 1994 तक बतौर इसरो चीफ 10 साल तक अपनी सेवाएं दी।
प्रोफेसर राव का जन्म उडुपी के अदमपुर गांव में हुआ था। वह भारत के स्पेस अभियान से हमेशा से जुड़े रहे। उन्होंने एमजीके मेनन, सतीश धव और विक्र साराभाई जैसे दिग्गज वैज्ञानिकों के साथ काम किया था। आर्यभट्ट से लेकर मंगल अभियान तक इसरो के कई प्रोजेक्टस पर प्रोफेसर राव ने काम किया। प्रोफेसर राव के साथी वैज्ञानिकों का कहना है कि अपने क्षेत्र में प्रोफेसर राव को जबरदस्त ज्ञान था, वह हमेशा नई तकनीक से अपडेट रहते थे।
इसी साल जनवरी माह में प्रोफेसर राव को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इस सम्मान को हासिल करने के बाद राव ने कहा था कि मुझे लगा था कि यह सम्मान मुझे मरणोपरांत मिलेगा।