यूपी विधानसभा चुनाव 2017: आखिर रमाकांत यादव ने राजनाथ सिंह से क्यों लिया पंगा?
आजमगढ़। एक बार फिर से भाजपा के पूर्व सांसद रमाकांत यादव के एक बयान ने यूपी की गर्मी में आग लगा दी है। शुक्रवार को उन्होंने अपने घर पर एक प्रेसवार्ता करके गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर कई सनसनीखेज आरोप लगाये। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि यूपी में बीजेपी की दुर्दशा का कारण राजनाथ सिंह रहे हैं।
CM चेहरा नहीं मैं.. लेकिन पार्टी जो कहेगी वो करूंगा: राजनाथ सिंह
वो तो साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के साथ मिलकर पीएम बनने का ख्वाब देख रहे थे जो कि पूरा ना हो सका। वो अगड़ों और पिछड़ों को बांटने का काम करते हैं और यही नहीं उन्हीं की वजह से कल्याण सिंह को पार्टी से निकाला गया था। साथ ही यह भी दावा किया कि राजनाथ सिंह के आने से यादव और कुर्मी समाज नाराज हो गया है जिसका खामियाजा पार्टी को 2017 में भुगतना पड़ सकता है।
रमाकांत यादव राजनाथ सिंह से इतने नाराज क्यों हैं?
रमाकांत यादव के इस सनसनीखेज बयान से यूपी की बीजेपी में खलबली मच गयी है। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि आखिरकार रमाकांत यादव राजनाथ सिंह से इतने नाराज क्यों हैं?
बीजेपी राजनाथ सिंह को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करने वाली हैं?
कहीं उन्हें ये तो नहीं लग रहा कि एक बार फिर से बीजेपी राजनाथ सिंह को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करने वाली हैं क्योंकि ऐसी खबर है कि राजनाथ सिंह को बीजेपी यूपी में चुनावी प्रचारक की कमान सौंपने वाली है। हालांकि राजनाथ सिंह ने अभी कुछ भी साफ नहीं कहा है लेकिन सूत्रों की माने तो इलाहाबाद में होने वाली कार्यकारिणी बैठक में बड़ा फैसला संभव है।
हर पिछड़ी जाति का इंसान बड़े ख्वाब देख सकता है
और शायद इसी वजह से खुद को पीएम मोदी की तरह समझने वाले रमाकांत यादव को इसी बात से मिर्ची लग गई है क्योंकि वो कई बार कह चुके हैं कि पिछड़ी जाति वाले मोदी जब पीएम बन सकते हैं तो हर पिछड़ी जाति का इंसान बड़े ख्वाब देख सकता है तो क्या रमाकांत यादव खुद को सीएम पोस्ट का उम्मीदवार मान बैठे थे या फिर उनके दिमाग में कुछ और ही पक रहा था?
खिचड़ी है या शाही पुलाव
अब वो खिचड़ी है या शाही पुलाव.. वो तो कहना मुश्किल है लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि राजनाथ सिंह के नाम पर यूपी बीजेपी में एक मत नहीं है।
रमाकांत और राजनाथ सिंह में रिश्ते ठीक नहीं
ऐसा माना जाता है कि राजनाथ सिंह और रमाकांत यादव दोनों के रिश्ते सही नहीं है। इससे पहले जब रमाकांत यादव ने अपने लिए सुरक्षा की मांग की थी तो राजनाथ सिंह इस बात के लिए तैयार नहीं थे लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के दवाब के कारण उन्हें ऐसा करना पड़ा, तब भी रमाकांत यादव ने मीडिया के सामने राजनाथ सिंह पर निशाना साधा था।
सपा-बसपा में मचाया था तूफान
रमाकांत यादव का इतिहास काफी अच्छा नहीं है वो बसपा और सपा दोनों में रह चुके हैं और वहां भी अपने इसी तरह के मुखरित बयान के कारण ही पार्टी से निकाले गये थे।