अगर सबके पास हो इंटरनेट तो देश की जीडीपी में होगी एक्स्ट्रा ग्रोथ
नई दिल्ली। पिछले दिनों केंद्र की मोदी सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में देश में बढ़ती सूचना क्रांति और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की वजह से आते बदलावो के बारे में जिक्र किया। क्या आप जानते हैं कि अगर देश में सबके पास इंटरनेट का प्रयोग करें तो फिर देश की जीडीपी में एक्स्ट्रा ग्रोथ दर्ज हो सकती है। लेकिन हकीकत यह है कि देश में इंटरनेट की महंगी दरों की वजह से एक बड़ा तबका इससे दूर है।
अर्थव्यवस्था: कौन-कौन से देशों को जल्द पछाड़ देगा भारत?
60 प्रतिशत तक गिरावट जरूरी
फेसबुक की ओर से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत में इंटरनेट डाटा के दाम में 60 प्रतिशत तक की गिरावट हो जाए तो हर पांच में से चार भारतीय को इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी। वहीं इससे उलट भारतीय टेलीकॉम कंपनियां जो डाटा सर्विस ग्राहकों को मुहैया करा रही हैं वह 11 प्रतिशत के घाटे पर हैं। ऐसे में उनके लिए कीमतें कम करना काफी मुश्किल हो सकता है। इस आंकड़ें पर अगर यकीन करें तो जो डाटा प्लान 100 रुपए का है उसे किसी भी कीमत में 34 रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
क्या है सरकार की योजना
इन स्थितियों में देश की 80 प्रतिशत जनता के लिए इंटरनेट मुहैया कराना एक बड़ी जिम्मेदारी है। सरकार की योजना है कि वह वर्ष 2018 तक भारत की 250,000 पंचायतों को 20,000 करोड़ या 2.9 बिलियन डॉलर की रकम के साथ इंटरनेट से जोड़ सके।
क्या हो अगर सबके पास हो इंटरनेट
- सितंबर 2015 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 354 मिलियन यूजर्स इंटरनेट का प्रयोग करते हैं और यह जनसंख्या का 29 प्रतिशत है।
- वहीं जून 2016 तक यह आंकड़ां 462 मिलियन यूजर्स यानी जनसंख्या का 42 प्रतिशत तक हो जाएगा।
- फेसबुक रिपोर्ट के मुताबिक अगर इंटरनेट सभी लोगों के पास पहुंच जाए तो देश की जीडीपी वर्ष 2020 तक एक ट्रिलियन तक पहुंच सकती है।
- वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी वर्ष 2014 में दो ट्रिलियन का आंकड़ा पार कर चुकी है।
इंटरनेट और जीडीपी का कनेक्शन
- फेसबुक रिपोर्ट के मुताबित भारत की इकॉनमी वर्ष 2020 तक अतिरिक्त 6.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।
- अगर ऐसा हुआ तो चीन और भारत की जीडीपी 2.089 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगी और यह पूरी दुनिया की एक तिहाई होगी।
- इंटरनेट एक्सेस करीब आधा बिलियन लोगों को गरीबी के बावजूद दुनिया से जोड़ सकने में कामयाब हो सकता है।
- साउथ एशिया में सिर्फ17 प्रतिशत लोंगों के पास ही 500 एमबी प्रतिमाह वाला डाटा प्लान है।
- सब-सहारा क्षेत्र में यह करीब 11 प्रतिशत और मीडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका में सिर्फ 17 प्रतिशत लोगों के पास 500 एमबी डाटा प्लान है।
- वहीं नॉर्थ अमेरिका में यही आंकड़ा 94 प्रतिशत है यानी यहां पर एक बड़ी आबादी के पास आसान इंटरनेट का विकल्प मौजूद है।