विलफुल डिफॉल्टर विजय माल्या क्यों नहीं बने किंगफिशर के सीएमडी?
मुंबई। एक बड़ी खबर बिजनेस एरिया से है और वो यह कि भारत के अग्रणी कारोबारियों में से एक विजय माल्या के मंसूबों पर उस समय पानी फिर गया जिस समय सरकार की ओर से कहा गया कि किंगफिशर एयरलाइंस विजय माल्या को कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर रि-अपॉइंट नहीं करेगी। ठीक एक फैसले के बाद खबर आयी कि UB ग्रुप के चेयरमैन विजय माल्या ने ग्रुप की कंपनी मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (MCFL) के डायरेक्टर की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है।
माल्या के मंसूबों पर फिरा पानी, किंगफिशर के नहीं बनेंगे दोबारा एमडी
गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही किंगफिशर कंपनी ने पांच साल की अवधि के लिए माल्या की दोबारा नियुक्ति के संबंध में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से मंजूरी मांगी थी। लेकिन सरकार इस बात के लिए तैयार नहीं थी, इसके पीछे का कारण का खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन सूत्रों के मुताबिक जो खबर आ रही है उसके हिसाब से किंगफिशर ने अपने पिछले हिसाबों को क्लीयर नहीं किया है जिसके कारण किंगफिशर कर्जदाताओं से आवश्यक मंजूरी नहीं ले पायी है इसलिए सरकार ने माल्या को कंपनी का दोबारा एमडी रीअपाइंट करने से मना कर दिया है।
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने माल्या को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया
पिछले साल से भारी आर्थिक संकट से गुजर रही विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी ने कारोबारी साल 2010-11 और 2011-12 में अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य भुगतानों में स्रोत पर कर कटौती की थी, लेकिन उन्हें सरकार के खाते में जमा कर पाने में असफल रही थी। इसलिए किंगफिशर एयरलाइंस की समस्त संपत्ति को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया था, क्योंकि कंपनी 350 करोड़ रुपये कर का भुगतान करने में असफल रही थी।
किंगफिशर एयरलाइंस को आईडीबीआई बैंक ऋण की सीबीआई जांच
यही नहीं केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विजय माल्या के नेतृत्व वाली किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 950 करोड़ रुपये ऋण को लेकर आईडीबीआई बैंक को जांच का एक नोटिस भी जारी किया था। अक्टूबर 2012 में अपना संचालन निलंबित कर चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के ऊपर भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम का 7,500 करोड़ रुपये ऋण भी बकाया है। इसके अलावा विजय माल्या इन दिनों कई बैंकों से कानूनी लड़ाई भी लड़े रहे हैं।
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया उन्हें जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित कर चुका है ऐसे में MCFL से डायरेक्टर पोस्ट से माल्या का इस्तीफा देने के पीछे भी पैसा ही मूल कारण बताया जा रहा है। अब क्या हकीकत है और क्या झूठ यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन इसमें किसी को कोई शक नहीं कि माल्या वाकई इन दिनों काफी मुश्किल दौरों से गुजर रहे हैं।