बिना ब्रेक की रेल, जरुरतमंद चीजें फेल
लखनऊ। रेल बजट में जिस तरह की उम्मीदें जताई जा रही थी वैसा ही हुआ। बजट पास होने के बाद संसद में भारतीय रेल बिना ब्रेक की नजर आई। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बजट में ज्यादा ध्यान किराये और सफाई पर दिया मगर रेलवे विभाग और आम जनता की जरुरतों को दरकिनार कर दिया। बजट में हर श्रेणी के किराये को बढाया गया तो सुरक्षा और सफाई पर ज्यादा ध्यान देने की घोषणा हुई मगर जिन समस्याओं से यात्री और खुद रेल विभाग जूझ रहा है उसे दूर करने की कोशिश तक नहीं की गई।
बजट के बाद रेल विभाग में क्या हुआ फेल आईए उसपर एक नजर डालते हैं
बुलेट
ट्रेन:
काफी
लंबे
समय
से
ऐसी
उम्मीद
की
जा
रही
थी
वर्ष
2012
की
रेल
बजट
में
बुलेट
ट्रेन
की
घोषणा
की
जा
सकती
है,
मगर
रेल
मंत्री
ने
इस
बात
पर
तनिक
भी
ध्यान
नहीं
दिया
और
बुलेट
ट्रेन
की
योजना
पास
होने
से
पहले
ही
फेल
हो
गई।
बताते
चलें
कि
बुलेट
ट्रेन
के
लिये
ट्रैक
का
निरीक्षण
किया
जा
चुका
था
जिसके
लिये
जर्मनी
की
एक
टीम
भारत
आई
थी।
मालगाड़ी
भाड़ा:
वर्ष
2009
में
तत्कालीन
रेल
मंत्री
लालू
प्रसाद
यादव
ने
जब
रेल
बजट
पेश
किया
था
तो
यात्री
किराये
के
साथ
ही
साथ
मालगाड़ी
भाडे
में
भी
लोगों
को
खासा
राहत
दी
थी।
ना
ही
किराया
बढ़ाया
गया
था
और
ना
ही
मालगाडियों
का
भाड़ा।
मगर
इस
रेल
बजट
में
लोगों
को
उम्मीद
थी
कि
मालगाड़ी
भाड़ा
में
कमी
आयेगी
मगर
ना
ही
मालगाड़ी
के
भाडे
में
कमी
आई
और
ना
ही
यात्री
किराये
में।
ज्यादा
प्लेटफार्म
और
नये
रूट:
दुनिया
का
सबसे
बडा
रेल
तंत्र
(भारतीय
रेलवे)
वर्तमान
में
बदहाली
की
स्थिति
में
हैं।
इस
खस्ता
हाल
के
पीछे
ट्रेनों
की
सुनियोजित
ढंग
से
ना
दौड़
पाना
एक
मुख्य
कारण
है।
और
सुनियोजित
ढंग
से
ना
दौड़
पाने
के
पीछे
कम
प्लेटफार्म
होना
सबसे
बडी
वजह
है।
मालूम
हो
कि
रेल
बजट
में
ऐसी
उम्मीद
जताई
जा
रही
थी
कि
प्लेटफार्मों
की
संख्या
में
बढ़ोत्तरी
की
जा
सकती
है
मगर
यह
आकलन
भी
फेल
हो
गया।
वहीं
प्लेटफार्मों
के
साथ
ही
साथ
नये
रूट
की
भी
योजना
फेल
हो
गई।
आदर्श
स्टेशन
और
अच्छे
सीट:
रेल
मंत्री
दिनेश
त्रिवेदी
ने
बजट
में
आर्दश
स्टेशन
योजना
पर
भी
ध्यान
नहीं
दिया।
वहीं
यात्रियों
की
सबसे
ज्यादा
शिकायतों
को
भी
दरकिनार
कर
दिया
गया।
जी
हां
हम
बात
कर
रहे
हैं
अच्छे
सीटों
की।
सफाई
और
सुरक्षा
पर
ध्यान
देने
के
अलावा
रेल
मंत्री
ने
यात्री
सुबिधा
पर
तनिक
भी
ण्यान
नहीं
दिया
और
यह
भी
उम्मीद
फेल
हो
गई।
इंटरनेट सुबिधा: हर रेल बजट के तरह ही इस रेल बजट में भी इंटरनेट सुबिधा पर ध्यान नहीं दिया गया।
एक नजर उनपर जो हो गये पास
देश के सौ रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसा बनाया जायेगा।
5 साल के भीतर सभी छोटी लाइनों को बड़ी लाइन में तब्दील कर दिया जायेगा।
36 ट्रेनों की सैटेलाइट ट्रैकिंग होगी।
200 गाडि़यों में बायोटॉयलेट बनेंगे।
हर साल 10 खिलाडियों को रत्न पुरस्कार दिया जायेगा।
एसएमएस पर आरक्षण वैध टिकट के बाराबर
वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों के लिये अलग ट्रेन की व्यवस्था
एनिमियां से पीडि़त यात्रियों के लिये किराये में छूट
75 नई एक्सप्रेस ट्रेने