समृद्धि चाहते हैं तो प्रवेश द्वार पर ध्यान रखें ये बातें
जिन घरों में प्रवेश करते ही दायीं या बाईं ओर जूते-चप्पल रखने का स्थान हो तो वह दरवाजा शुभ नहीं माना जाता।
नई दिल्ली। वास्तुशास्त्र में जितना महत्व दिशाओं को दिया गया है उतना ही अन्य वस्तुओं को भी दिया गया है। इनमें घर का मुख्य प्रवेश द्वार सबसे महत्वपूर्ण होता है। मुख्य प्रवेश द्वार किस दिशा में हो, किस आकार का हो और उस द्वार में से प्रवेश करते ही सामने नजर आने वाली वस्तु क्या हो, इसको भी काफी महत्व दिया गया है।
आइये
हम
आपको
आज
पांच
ऐसे
ही
प्रमुख
दरवाजों
के
बारे
में
बताते
हैं
जो
उस
घर
में
रहने
वाले
लोगों
का
भविष्य,
सुख-दुख,
धन-संपदा
की
स्थिति
तय
करते
हैं।
दरवाजा नंबर एक
घर के मुख्य प्रवेश द्वार में प्रवेश करते ही यदि देवी-देवताओं की तस्वीरें, शुभ प्रतीक चिन्ह स्वस्तिक, ओम, लक्ष्मी पग चिन्ह, तुलसी का पौधा, महकदार फूलों के पौधे दिखाई दें तो वह घर शुरू होता है। इससे घर में प्रवेश करने वाले के मन में सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है। यदि कोई शत्रु भी ऐसे घर में प्रवेश करता है तो वह भी उदार हो जाता है।प्रवेश
द्वार होना अत्यंत शुभ
संबंधों, मित्रता, दांपत्य जीवन, संतानों के साथ तालमेल के लिए इस तरह के प्रवेश द्वार होना अत्यंत शुभ होता है। इसके विपरीत यदि मुख्य प्रवेश से अंदर आते ही सामने की ओर अस्त्र, शस्त्र, डरावनी तस्वीरें, युद्ध के दृश्य वाली तस्वीर, जानवरों के डमी चिन्ह, सिंह, सर्प आदि हिंसक जानवरों की तस्वीरें या इनके पुतले हों तो उस घर के लोग संदिग्ध होते हैं। ऐसे घर शुभ नहीं माने गए हैं।
दरवाजा नंबर दो
जिन घरों में प्रवेश करते ही दायीं या बाईं ओर जूते-चप्पल रखने का स्थान हो, कोई भारी वस्तु रखी हो या अग्नि स्थान हो तो वह दरवाजा शुभ नहीं माना जाता। ऐसे घरों में रहने वाले लोगों के बीच में मतभेद बने रहते हैं और उनमें आर्थिक मामलों को लेकर तनातनी बनी रहती है। परिवार के भाई-बहनों में आपस में बनती नहीं है और वे एक-दूसरे के खिलाफ षडयंत्र करते रहते हैं। इसके विपरीत प्रवेश द्वार के भीतर दोनों ओर फूलदान, जल स्थान, मधुर घंटियां हों तो परिवार में सुखद माहौल रहता है।
दरवाजा नंबर तीन
दरवाजा खुलते ही सामने सीढि़यां हों तो उस परिवार में रहने वाले व्यक्ति ढेर सारा धन कमाने की लालसा रखते हैं और वे अपने अथक प्रयासों से ऐसा करने में सफल भी हो जाते हैं। लेकिन यह भी सच है कि ऐसे लोग रिस्क लेने से घबराते हैं और सुरक्षित निवेश करने में ही अपनी भलाई समझते हैं। जिन घरों में मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक सामने सीढि़यां हों और उनमें नीचे से उपर तक कुल सीढि़यों की संख्या सम हो तो वह शुभ मानी जाती है। विषम अंकों में सीढि़यां हों तो व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है।
दरवाजा नंबर चार
मुख्य प्रवेश द्वार लकड़ी का हो और उसके बाहर सुरक्षा के लिए लगाया गया एक ओर जालीदार दरवाजा लोहे का हो तो यह ध्यान रखें कि उस पर काला या लाल रंग करने से बचें। काला या लाल रंग सकारात्मक उर्जा का प्रवाह रोकता है। यदि इनमें से कोई एक रंग कर दिया गया है तो फिर दरवाजे के ठीक सामने एक छोटा मिरर लगाएं। इससे नकारात्मक उर्जा परावर्तित हो जाएगी। काला या लाल की बजाय इस पर सफेद, क्रीम या हल्का हरा रंग किया जा सकता है। इससे उस घर में रहने वालों का मन प्रसन्न रहेगा।
दरवाजा नंबर पांच
यदि आप मुख्य प्रवेश द्वार हमेशा बंद रखते हैं तो यह ठीक नहीं है। दरवाजे को सुबह और शाम के वक्त खोलना चाहिए। खासकर जब आप सुबह और शाम को पूजन करते हैं तब तो द्वार अवश्य खोलना चाहिए। इससे घर में शुभता का प्रवेश होगा और आप सुखी, समृद्ध बने रहेंगे। यदि हमेशा दरवाजा बंद रहता है तो आप रहस्यमयी प्रकृति के व्यक्ति हैं। ऐसे घरों में बुरे ग्रहों का प्रभाव बढ़ता है और व्यक्ति की उन्नति बाधित होती है।
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