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Mission Karmayogi: मिशन कर्मयोगी क्या है, सिविल सर्वेंट से जुड़े मोदी सरकार के इस बड़े फैसले के बारे में सब जानिए

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नई दिल्ली- समाज की चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पूरे देश के सिविल सर्वेंट के लिए 'मिशन कर्मयोगी' को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक काउंसिल होगी जिसमें सदस्यों के रूप में राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इस स्कीम के तहत यह काउंसिल सिविल सेवाओं की क्षमता के विकास से जुड़ी योजनाओं को मंजूरी देगी। शुरुआत में इस मिशन पर 510 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। इसके साथ ही इस योजना के तहत एक 'क्षमता विकास आयोग' गठित करने का भी प्रस्ताव है। इस मिशन के तहत करीब 46 लाख केंद्रीय कर्मचारी कवर होंगे।

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मिशन कर्मयोगी क्या है ?

मिशन कर्मयोगी क्या है ?

मिशन कर्मयोगी एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है, जिसके तहत सिविल सर्वेंट में इस तरह की क्षमता विकसित की जाएगी कि वे भारतीय संस्कृति के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए दुनिया की बेहतर से बेहतर पेशेवर तरीकों को सीख सकें। इसे नेशनल प्रोग्राम फॉर सिविल सर्वेसिज कैपिसिटी बिल्डिंग के नाम से जाना जाएगा। इस मिशन में सिविल सर्वेंट को उनके पद की जरूरतों के मुताबिक उन्हें आवंटित कार्यों को उनकी क्षमता के साथ तालमेल बिठाना है। यही नहीं इसमें मानव संसाधन प्रबंधन में 'नियम आधारित (रूल्स बेस्ड)' की जगह 'भूमिका आधारित (रोल्स बेस्ड)' प्रबंधन को तबज्जो दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक सरकार के अंदर मानव संसाधन विकास की दिशा में यह सबसे बड़ा कार्यक्रम है।

मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य

मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य

इस मिशन का लक्ष्य नौकरशाहों को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तैयार करना है और सरकार में भर्ती के बाद के सुधार किए जाने हैं। भविष्य के लिए नौकरशाह तैयार करने का मतलब है उन्हें ज्यादा 'रचनात्मक, सृजनात्मक, कल्पनाशील, नवाचारी और ज्यादा ऐक्टिव बनाना है। इस मिशन से सिविल सेवकों को और भी ज्यादा पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और टेक्नोलॉजी में सक्षम बनाने में मदद मिलेगी। इससे कर्मचारियों के विस्तार से विश्लेषण करने और वैज्ञानिक उपकरणों और निश्चित उद्देश्यों के साथ रियल टाइम समीक्षा करने में भी सहायता मिलेगी। माना गया है कि इससे विशिष्ट भूमिकाओं में दक्ष सिविल सेवक उच्चतम गुणवत्ता मानकों वाली प्रभावकारी सेवा सुनिश्चित कर पाने में ज्यादा समर्थ साबित होंगे।

5 वर्षों में 510 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होगा

5 वर्षों में 510 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होगा

करीब 46 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों को कवर करने के लिए वर्ष 2020-2021 से लेकर 2024-25 तक 5 वर्षों के दौरान इस मिशन पर 510.86 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस मिशन से अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना परफॉर्मेंस बेहतर करने का मौका मिलेगा। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के सचिव सी चंद्रमौली ने कहा है कि मिशन कर्मयोगी का गठन भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवकों को निर्माण करना है, जिनका बर्ताव सही हो, वह अपने काम में दक्ष हों और उन्हें पूरी जानकारी हो, ताकि न्यू इंडिया के विजन से उनका तालमेल बिठाया जा सके।

'क्षमता विकास आयोग' स्थापित करने का भी प्रस्ताव

'क्षमता विकास आयोग' स्थापित करने का भी प्रस्ताव

एक क्षमता विकास आयोग स्थापित करने का भी प्रस्ताव है, जिससे क्षमता निर्माण का माहौल तैयार करने और उसके प्रबंधन और नियंत्रण को साझेदारी के साथ पूरा किया जा सके। इस आयोग का उद्देश्य पीएम पब्लिक रिसोर्सेज काउंसिल को सालाना क्षमता विकास योजनाओं में सहायता देना है। इसके साथ ही यह सभी सिविल सेवाओं के करियर के दौरान बीच में एक सामान्य प्रशिक्षण देने के लिए भी नियमों को तैयार करेगा। (तस्वीरें फाइल)

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English summary
What is the mission karmayogi associated with civil servants if India
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