keyboard_backspace

क्या है राजा जॉन वुरपुतूर चारी का भारत से रिश्ता, NASA ने चंद्र अभियान के लिए चुना है

Google Oneindia News

नई दिल्ली- अमेरिकी चंद्र अभियान के लिए चुने गए भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री राजा जॉन वुरपुतूर चारी के पिता श्रीनिवास चारी का परिवार मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है। चारी को जब नासा ने 2017 के जून में एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट के लिए चुनाव था, तब वह अमेरिकी एयर फोर्स में कर्नल थे। उस समय उनके पास एफ-35, एफ-15, एफ-16 और एफ-18 जैसे फाइटर जेट उड़ाने का 2,000 घंटों से ज्यादा का अनुभव था। इसमें इराक मुक्ति अभियान और कोरियाई प्रायद्वीप के ऑपरेशन में एफ-15ई उड़ाने का अनुभव भी शामिल है। राजा चारी ने बताया है कि उनकी परवरिश और उनकी शिक्षा पर उनके पिता का बहुत ही ज्यादा प्रभाव रहा है।

ऐसा रहा है राजा चारी के अंतरिक्ष यात्री बनने का सफर

ऐसा रहा है राजा चारी के अंतरिक्ष यात्री बनने का सफर

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने 2024 के अपने चंद्र अभियान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के जो 18 नाम फाइनल किए हैं, उनमें भारतीय-अमेरिकी राजा जॉन वुरपुतूर चारी भी शामिल हैं। इस मिशन में 9 महिलाएं भी हैं और इस मिशन के तहत ही पहली बार महिलाओं का चांद पर कदम पड़ने वाला है। राजा चारी अमेरिका में इओवा के सीडर फॉल्स के रहने वाले हैं और वे अमेरिकी एयर फोर्स एकैडमी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और इंजीनियरिंग साइंस में ग्रैजुएट हैं। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर डिग्री लेने के साथ ही मैरिलैंड में अमेरिकी नेवल टेस्ट पायलट स्कूल से भी ग्रैजुएशन किया है। वे 461वें फ्लाइ टेस्ट स्कार्डन में कमांडर और कैलिफॉर्निया स्थित एडवार्ड्स एयरफोर्स बेस में एफ-35 इंटिग्रेटेड टेस्ट फोर्स के डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

जीवन पर पिता श्रीनिवास चारी का गहरा प्रभाव

जीवन पर पिता श्रीनिवास चारी का गहरा प्रभाव

अमेरिका में विस्कोन्सिन के मिलवाउकी में जन्मे राजा चारी इओवा के सीडर फॉल्स में पले-बढ़े। उनकी पत्नी का नाम होल्ली स्कैफ्फटर चारी है जो सीडर फॉल्स की ही मूल निवासी हैं। चारी दंपति के तीन बच्चे हैं। राजा चारी की मां पेग्गी चारी आज भी इओवा के सीडर फॉल्स में रहती हैं। राजा चारी की पूरी शिक्षा-दीक्षा उनके पिता श्रीनिवास चारी से प्रभावित है। श्रीनिवास चारी बहुत ही युवा अवस्था में एक इंजीनियरिंग डिग्री के लिए हैदराबाद से अमेरिका गए थे। उन्होंने अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त की और उनका करियर भी बहुत ही कामयाब रहा। राजा चारी ने अपने पिता के बारे में एक बार बताया था कि कैसे उनकी मां से उनकी मुलाकात हुई और कैसे पिता के जीवन का उनकी शिक्षा पर असर पड़ा है।

2024 में पहला भारतवंशी रखेगा चांद पर कदम

2024 में पहला भारतवंशी रखेगा चांद पर कदम

राजा चारी के पिता श्रीनिवास चारी का पूरा करियर वॉटरलू के जॉन डीरे में बीता था, जहां उनकी राजा चारी की मां से मुलाकात हुई थी। राजा चारी ने कहा है, 'मेरे पिता एक शिक्षा का लक्ष्य लेकर और उसके महत्त्व को समझने के लिए इस देश में आए थे और मेरे परवरिश पर उसका सीधा असर पड़ा।' उन्होंने कहा कि 'मेरे पूरे बचपन में शिक्षा पर बहुत जोर रहा और ये सब इसी की वजह से हुआ......सफल होने के लिए आपको निश्चित तौर पर अच्छा करना ही होगा।' 43 वर्षीय राजा चारी नासा की ओर से मून मिशन के लिए चुने गए 18 अंतरिक्ष यात्रियों में अकेले भारतवंशी हैं। 2024 में चांद की सतह पर उतरने वाला यह पहला मून मिशन होगा, जिसमें पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के साथ ही पहला भारतवंशी भी चांद की सतह पर चहलकदमी करेगा।

करीब ढाई साल से नासा से जुड़े हैं

करीब ढाई साल से नासा से जुड़े हैं

करीब ढाई साल तक नासा में एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट के रूप में काम कर चुके राजा चारी समेत अंतिम रूप से चांद पर जाने के लिए चुने गए सभी 18 अंतरिक्ष यात्रियों को मून मिशन से जुड़ी हुई कई ट्रेनिंग पहले ही मिल चुकी है। मसलन, चारी स्पेसवॉकिंग, रोबोटिक्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन सिस्टम, टी-38 जेट प्रोफिशिएंसी और रूसी भाषा की ट्रेनिंग पहले ही ले चुके हैं। अब जब नासा ने उन्हें आर्टमिस मून-लैंडिंग प्रोग्राम के लिए चुन लिया है तो बाकी 17 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेसक्राफ्ट बनाने में सहायता करेंगे और मौजूदा जो टीम अभी स्पेस में है उनकी भी मदद करेंगे और आखिरकार 2024 के चंद्र मिशन के लिए तैयार होंगे, जिसका अगला लक्ष्य मंगल पर इंसान को उतारना है।

'चांद पर जाना, सपना साकार होने जैसा'

'चांद पर जाना, सपना साकार होने जैसा'

नासा का यह लुनर एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम 2024 में पहली महिला अंतरिक्ष यात्री दूसरे पुरुष अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर उतारेगा। यह मिशन एक शुरुआत है, जो आगे चलकर चांद पर लगातार मानव की मौजूदगी को सुनिश्चित करेगा। राजा चारी के एक साथी अंतरिक्ष यात्री चीफ एस्ट्रोनॉट पैट फॉरेस्टर का कहना है, 'यह तो शुरुआत है हमारे लिए आगे के कई उत्साहजनक कामों का, हम वापस चांद पर जा रहे हैं, जिस मिशन को सारे अंतरिक्ष यात्री मिलकर पूरा करेंगे। ' उन्होंने यह भी कहा कि चांद पर जाना एक सपना साकार होने जैसा है, जो उनके लिए बहुत ही सम्मान की बात है। (तस्वीर सौजन्य: नासा और सोशल मीडिया)

Comments
English summary
What is Raja Jon Vurputoor Chari's relationship with India, NASA has chosen for lunar mission
For Daily Alerts
Related News
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X