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कारगिल में 15 गोली खाकर लहराया तिरंगा, अब कर्तव्य पथ पर दी सलामी

गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत में जैसे ही परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव कर्तव्य पथ पर पहुंचे, वैसे ही कार्यक्रम स्थल तालियों से गूंज उठा।
Ashutosh Tiwari

योगेंद्र सिंह यादव हर साल गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेते हैं। परेड कमांडर के बाद वो ही सलामी देते हैं।

योगेंद्र का जन्म 10 मई 1980 को यूपी के औरंगाबाद में हुआ था। उनके पिता भी फौज में थे।

महज 17 साल की उम्र में वो भारतीय सेना में भर्ती हुए। इसके बाद उन्होंने कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया।

वो घातक प्लाटून के सदस्य थे, जिसको टाइगर हिल पर कब्जा करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

दुश्मन ऊंचाई पर थे और वहां से लगातार फायरिंग कर रहे थे, लेकिन योगेंद्र रुके नहीं।

वो पहाड़ी पर चढ़े और कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। इस युद्ध में उनको 15 गोलियां लगी थीं।

15 गोली खाने के बाद वो अकेले नीचे उतरे और अपने साथियों को हालात की जानकारी दी।

उनके इस साहस को देखते हुए 19 साल की उम्र में उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया।

2022 में वो सेना से रिटायर हुए। उन्हें मानद कैप्टन की उपाधि से सम्मानित किया गया।

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