Tap to Read ➤

Varanasi Airport History

लाखों लोग करते हैं हवाई सफर लेकिन सच्चाई बहुत कम लोग जानते हैं
Pravin Kumar Yadav
British दौर में वाराणसी हवाई पट्टी पर उतरते थे विमान, लगान वसूली के लिए आते थे अंग्रेज
British हुकूमत में  था Runway
देश आजाद होने के बाद 1953 में वाराणसी एयरपोर्ट पर पुराना टर्मिनल भवन का निर्माण कराया गया, जिसमें एक समय में 200 यात्रियों का आवागमन हो सकता था।
1953 में बना पुराना टर्मिनल भवन
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर वर्ष 2005 में वाराणसी एयरपोर्ट का नाम लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट रखा गया।
2005 में बदला गया नाम
विमान यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए 15 नवंबर 2010 में 26,500 स्क्वायर मीटर बने नव निर्मित टर्मिनल भवन से यात्रियों का आवागमन शुरू हुआ।
2010 में NTB का हुआ निर्माण
वाराणसी एयरपोर्ट पर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा संचालित हो रही थी लेकिन वर्ष 2012 में इसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा प्राप्त हुआ।
2012 में बना अंतरराष्ट्रीय
ACI द्वारा वर्ष 2020 में वाराणसी एयरपोर्ट को (2 से 5 मिलियन यात्री एयरपोर्ट में) एशिया के सर्वश्रेष्‍ठ हवाई अड्डे के रूप में सम्मानित किया गया।
2020 में सर्वश्रेष्ठ Airport की उपाधि
वाराणसी एयरपोर्ट के एटीसी द्वारा 250 नॉटिकल माइल अर्थात 463 किलोमीटर की परिधि में उड़ने वाले विमानों की निगरानी की जाती है।
463 किमी तक होती है निगरानी
वाराणसी एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 2745 मीटर है जिसे बढ़ाकर 4075 मीटर किया जाना है, जिससे बड़े विमान एयरपोर्ट पर लैंड कर सकेंगे।
बढ़ेगा Runway length
वर्तमान समय में वाराणसी एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, जयपुर, पटना, गुवाहटी सहित कई अन्य शहरों के लिए सीधी विमान सेवाएं हैं।
इन शहरों के लिए विमान सेवाएं
वाराणसी एयरपोर्ट से वर्तमान समय में एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, गो फर्स्‍ट, विस्तारा आदि विमानन कंपनियों द्वारा घरेलू हवाई मार्ग पर विमान संचालित किए जाते हैं।
5 Airlines दे रही सेवा