25 फरवरी को नई दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल की तीसरी वर्षगांठ है। एक नज़र इससे जुड़े तथ्यों पर...
25 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक समर्पित किया था। यह स्मारक आजादी के बाद वीर सैनिकों के किए गए बलिदान का प्रमाण है।
राष्ट्र को समर्पित
स्वतंत्रता से लेकर अब तक 26 हजार से अधिक सैनिकों ने देश की सुरक्षा एवं अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, यह स्मारक उन्हीं सैनिकों को राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि है।
1971 के युद्ध में पाकिस्तान के विरुद्ध मिली जीत के बाद इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति की स्थापना जनवरी 1972 में की गई थी। इसी की मशाल को अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्योति में मिला दिया गया है।
अमर जवान ज्योति
इस राष्ट्रीय स्मारक को वीबी लैब, चेन्नई के योगेश चंद्रासन ने डिज़ाइन किया है। इस स्मार्क के चारों ओर बने चक्रों को चार हिस्सों में बांटा गया है।
त्याग चक्र
यह चक्र सर्वोच्च बलिदान को उजागर करता है। इसमें उन सैनिकों के नाम अंकित हैं जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
रक्षक चक्र
यह दृढ़ता और द्वैत को दर्शाता है। इसकी रोशनी 'रक्षकों' के प्रति सम्मान की भावना को प्रकट करती है।
अमर चक्र
यह चक्र पवित्रता के संकेत के रूप में स्थापित किया गया है, जहां एक ज्योति जल रही है। इस ज्योति की चमक और आभा हृदय में देश प्रेम को भर देती है।
वीरता चक्र
यह चक्र बहादुरी और जीत के उत्सव को समर्पित है। यह दर्शाता है कि हमारा देश वीरों का देश है।
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