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Diabetes इन अंगों पर करती है सीधा अटैक, कंट्रोल है जरूरी

डायबिटीज के मरीज हर दिन बढ़ रहे हैं। यहीं कारण है कि भारत को शुगर की राजधानी कहा जाता है। डायबिटीज मरीज के कई अंगों पर सीधा अटैक कर डैमेज तक कर देती  है। इसलिए शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।
Bhavna Pandey
चार साल पहले 2019 में भारत में 77 मिलियन डायबिटीज के मरीज थे। 2030 में जिनकी संख्‍या बढ़कर 101 मिलियन हो सकती है।
शरीर में इंसुलिन की कमी से डायबिटीज होता है। शरीर के ब्लड शुगर को इंसुलिन कंट्रोल करती हैं जो अग्न्याशय (Pancreas) में बनती है। जब ये इंसुलिन पर्याप्‍त मात्रा में नहीं बनती है तो डायबिटीज कही जाती है।
ये बीमारी बड़ों ही नहीं बच्‍चों को भी अपना शिकार बना रही है। उम्र बढ़ने, मोटापा , खराब लाइफ स्‍टाइल या अनुवांशिक कारण से ये बीमारी होती है।
डायबिटीज बीमारी को लोग हल्‍केे  में लेते हैं और परहेज नहीं करते। ये लापरवाही कई बार मरीज के लिए जानलेना तक साबित हो जाती है।
बार-बार पेशाब जाना, पैरों के तलुए में जलन, ज्यादा प्यास लगना, मुंह सूखना, थकान, पैरों का सुन्‍न होना भूख अधिक लगना, जख्म का देर से भरना, वजन का बढ़ना या कम होना और स्किन संबंधी समस्‍या डायबिटीज होने के लक्षण  हैं।
डायबिटीज जानने के लिए ब्लड सैंपल से किसी पैथालॉजी में जांच रेगुलर करवानी चाहिए।
ब्‍लड शुगर को कई बीमारियों की जड़ भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि अगर ये कंट्रोल में नहीं रही तो इससे अन्‍य बीमारियां हो जाती है और शरीर के कई  अंग  तक खराब हो जाते हैं।
डायबिटीज होने पर आंखें कमजोर हो सकती है। शुगर का आंखों पर प्रभावित करना  रेटिनोपैथी कहलाता है। कई बार लगातार हाई शुगर रहने के कारण आंख की रोशनी तक चली जाती है।
शुगर पेसेंट को हार्ट की बीमारी होने का खतरा सबसे अधिक रहता है। हाई शुगर में दिल का दौरा पड़ने के चांस अधिक होते हैं।
हाई ब्लड शुगर में किडनी  को भी सबसे अधिक खतरा होता है। किडनी पर शुगर के प्रभाव को नेफ्रोपैथी कहते हैं । शुगर के कारण किडनी डैमेज तक हो जाती है, जिसके बाद किडनी डायलिसिस और ट्रांसप्‍लान्‍ट करवाना ही एक मात्र विकल्‍प रह जाता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल ना रहने पर पैर की रक्‍त वाहिकाओं में अवरोध होने लगता है जिसके कारण पैरों का सुन्‍न होना या झुनझुनी होती है। इसके लिए फुट प्रेशर का टेस्‍ट करवाना चाहिए।