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Bageshwar Dham: बागेश्‍वर धाम के बारे में जानिए सबकुछ

मध्य प्रदेश का बागेश्वर धाम इन दिनों जमकर सुर्खियों में है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में जानिए बागेश्‍वर धाम का इतिहास...
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बागेश्‍वर सरकार के नाम से देशभर में विख्यात पंडित धीरेंद्र शास्त्री इस वक्त जमकर चर्चाओं में हैं। धीरेंद्र शास्त्री पर नागपुर में अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है।
दावा किया जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री चमत्कार करते हैं। ऐसे में जानिए कौन हैं धीरेंद्र शास्त्री और बागेश्‍वर धाम का इतिहास क्या है?
धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 1996 में एमपी के छतरपुर में हुआ था। उनको बागेश्‍वर बाबा कहा जाता है। वो हमेशा एक छोटी सी गदा लेकर साथ चलते हैं। धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी की अराधना करने के लिए प्रेरित करते हैं।
बागेश्‍वर धाम मंदिर छतरपुर के पास स्थित है। यहां बालाजी का मंदिर है। मान्यता है कि यह एक पुराना चमत्‍कारिक मंदिर है। धीरेंद्र शास्‍त्री यहां बजरंग बली का दरबार लगाते हैं।
मंदिर को लेकर दावा किया जाता है यहां आकर जो भी भक्त अपनी अर्जी लगाते हैं, उनको मनोकामनाएं पूरी होती है। यहां लगने वाले दरबार में धीरेंद्र शास्‍त्री अनजान लोगों को उनके नाम से बुलाते हैं।
बाबा यहां बिना बताए सामने वाले की मन की बात जान लेते हैं। फिर पर्ची में लोगों की परेशानी भी लिख देते हैं। ऐसे में लोगों की यहां जमकर भीड़ उमड़ती है।
बताया जाता है कि साल 1986 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था, जिसके बाद से इसकी प्रसिद्धि बढ़ती चली गई। साल 1987 में वहां संत सेतु लालजी महाराज का आगमन हुआ था, जो कि आचार्य धीरेंद्र शास्‍त्री के दादाजी थे।
यहां साल 2012 में बालाजी का दरबार लगना शुरू हुआ था, उसके बाद वर्ष 2016 में बागेश्‍वर धाम में भूमि पूजन हुआ और यह जगह कष्टों के निराकरण के लिए विख्यात हो गया।
यहां भक्त अपनी अर्जी के साथ तीन रंग के नारियल चढ़ाते हैं। दावा किया जाता है कि अगर सपने में लगातार 2 दिन तक बंदर दिखाई देंगे, तो माना जाता है कि अर्जी स्वीकार हो गई है।