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CFL या LED: आंख बचाने के लिए कौन सा बल्ब करें यूज?

आजकल एलईडी और सीएफएल दोनों तरह के बल्ब का इस्तेमाल घरों में होता है। आइए जानते है कि आपकी आंखों के लिए कौन बेहतर है?
Rajeev Singh
ये पीली रोशनी वाला बल्ब याद है आपको? बीते जमाने का ये बल्ब सेहत के लिए सबसे अच्छा था।
लेकिन पीली रोशनी वाला यह बल्ब बिजली बहुत बर्बाद करता था। 90 प्रतिशत एनर्जी बेकार ही हो जाती थी।
इसलिए सीएफएल और एलईडी बल्ब ने पीली रोशनी वाले बल्ब का भाव गिरा दिया।
सीएफएल और एलईडी दोनों ही बल्ब कम एनर्जी में ज्यादा रोशनी देते हैं।
अगर सीएफएल और एलईडी दोनों की तुलना की जाय तो एनर्जी सेविंग, लाइट, लाइफ सभी मामलों में एलईडी सीएफएल पर भारी पड़ता है।
लेकिन यहां सवाल यह है कि हमारी आंखों और सेहत के लिए कौन बेहतर है- सीएफएल या एलईडी?
सीएफएल में पहला दोष यह होता है इससे थोड़ी मात्रा में अल्ट्रावायलट रेडिएशन (UV rays) होता है।
लेकिन सीएफएल के अंदर की कोटिंग अगर क्रैक हो जाय तो ज्यादा मात्रा में UV rays निकलती हैं।
ज्यादा समय तक अल्ट्रावायलट किरणों का एक्सपोजर हो तो वह आंख और स्किन के लिए ठीक नहीं होता।
सीएफएल में दूसरा दोष यह होता है कि इसमें मरकरी रहता है। अगर बल्ब टूट जाय तो मरकरी का प्रदूषण घर में हो सकता है।
मरकरी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचाता है। सांस के रास्ते शरीर में जाना यह बहुत नुकसानदेह है।
सीएफएल की अपेक्षा एलईडी न के बराबर UV rays छोड़ता है। साथ ही, एलईडी में मरकरी नहीं रहता।
रिसर्च के मुताबिक, एलईडी में लेड, आर्सेनिक जैसे डेंजरस तत्व होते हैं लेकिन उनकी मात्रा इतनी कम होती है कि सेहत के लिए खतरा नहीं बनती।
एलईडी बल्ब महंगे जरूर होते हैं लेकिन बिजली बिल बचाने में भी यह सीएफएल से ज्यादा बेहतर है।
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