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10 Historical places of Banaras, जिन्हें अवश्य देखना चाहिए

काशी में भम्रण के लिए आने वाले लोगों को काशी के 10 महत्वपूर्ण स्थानों को जरूर देखना चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में...
Pravin Kumar Yadav
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
वाराणसी में सुप्रसिद्ध मंदिर पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से काशी विश्वनाथ भी एक ज्योतिर्लिंग है। ऐसी मान्‍यता है कि गंगा नदी में स्नान करने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने पर लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्री संकट मोचन मंदिर
काशी के मंदिरों में श्री संकट मोचन मंदिर का प्रमुख स्थान है। जैसा इस मंदिर का नाम है, उसी तरह मान्यता भी है। यह हनुमान जी का मंदिर है, कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से जो भी संकट होते हैं वह टल जाते हैं।
भारत माता मंदिर
वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय परिसर में भारत माता मंदिर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण डॉक्टर शिव प्रसाद गुप्त ने 1936 में कराया था। खास बात यह है कि इस मंदिर में संगमरमर पर अविभाजित भारत का भौगोलिक मानचित्र उकेरा गया है। यहां भी काफी संख्या में लोग हर साल आते हैं।
रामेश्वर महादेव मंदिर
रामेश्वर महादेव मंदिर काशी पंचकोशी परिक्रमा के तीसरे पड़ाव पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि रावण वध के बाद दोष से मुक्त होने के लिए श्री राम काशी में आए थे और काशी पंचकोशी परिक्रमा किए थे। प्रभु श्रीराम ने एक मुट्ठी रेत से यहां पर शिवलिंग का निर्माण किया। जिसकी आज भी पूजा होती है।
सारनाथ
भगवान गौतम बुद्ध के उपदेश स्थली सारनाथ में काफी संख्या में पर्यटक आते हैं, यहां श्रावण मास में मेला भी लगता है। कहा जाता है कि ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने सारनाथ में ही अपना पहला उपदेश दिया था।
रामनगर किला
रामनगर किला वाराणसी के गंगा पार रामनगर में गंगा नदी के दाएं किनारे पर स्थित है। इस रामनगर किले को राजा बलवंत सिंह द्वारा 17वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यहां पर कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है और हर साल काफी संख्या में पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी जिसे बीएचयू के नाम से भी जाना जाता है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने सन 1916 में की थी। इस विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए भारत ही नहीं विदेशी भी छात्र छात्राएं आते हैं।
दशाश्वमेध घाट
दशाश्वमेध घाट वाराणसी एक सुप्रसिद्ध घाट है जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। कहा जाता है कि राजा दिवोदास द्वारा यहां पर अश्वमेध यज्ञ कराया गया था, यही कारण है कि इस दशाश्वमेध के नाम से जाना जाता है। इस घाट पर प्रतिदिन गंगा आरती कराई जाती है, जिसे देखने के लिए काफी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं।
अस्सी घाट
वैसे तो काशी के सभी घाटों की एक अलग पहचान है लेकिन सभी घाटों में अस्‍सी घाट का एक अलग ही महत्‍व है। यह घाट काशी में गंगा नदी के किनारे दक्षिण में स्थित है। इस घाट पर भ्रमण करने के लिए हर साल काफी संख्या में सैलानी आते हैं।
मणिकर्णिका घाट
मणिकर्णिका घाट को काशी अति प्राचीन घाट माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार करने के बाद मृत व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह भी कहा जाता है कि माता पार्वती कर्ण फूल यहां के कुंड में गिर गया था। जिसके चलते इसे मणिकार्णिका घाट का नाम दिया गया।
देखें- Banaras में बनी फिल्में