अब रोहतक में बनेंगे आर्मी के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलीकॉप्टर-बख्तरबंद वाहन, IMT में लगेगा फर्स्ट प्लांट
रोहतक। भारतीय सेना और दूसरे सशस्त्र बलों के लिए रोहतक में बुलेट प्रूफ जैकेट, बुलेट प्रूफ हेलीकॉप्टर, बख्तरबंद और माइन प्रूफ गाड़ियां बनेंगी। यह देश का पहला संयंत्र होगा, जहां हर तरह का सुरक्षा कवच बनेगा। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की टेक्नोलॉजी पर सर्वाधिक सुरक्षित भाभा कवच (बुलेट प्रूफ जैकेट) बनेगा। मिश्र धातु निगम के इस संयंत्र का उद्घाटन आजादी का अमृत महोत्सव के तहत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिसंबर में करेंगे। ये बातें मंगलवार को निगम के चेयरमैन डॉ. संजय कुमार झा ने बताई।
डॉ. संजय ने बताया कि 2017 में मिश्र धातु निगम ने आईएमटी में 10 एकड़ जमीन पर यह संयंत्र स्थापित किया, जिसका 80 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है। अभी तक सुरक्षा कवच विदेशी तकनीक पर आधारित हैं, मगर अब स्वदेशी व सर्वाधिक सुरक्षित कवच भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की तकनीक पर बनेगा। नई तकनीक के सुरक्षा कवच का नाम भाभा कवच रखा है, जो 20 से 30 फीसदी हल्का है। इसके अलावा रोहतक में मूविंग व्हीकल (बख्तरबंद गाड़ियां) बनेंगी।
नक्सल प्रभावित एरिया में बारूदी सुरंग बिछाकर होने वाले विस्फोट से बचाव को लेकर माइन प्रूफ गाड़ियां भी रोहतक में बनेंगी। बुलेट प्रूफ हेलीकॉप्टर भी बनेंगे। इस संयंत्र का शुभारंभ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दिसंबर में कराया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा सैन्य व अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
एक
साल
में
इतने
बन
सकेंगे
सुरक्षा
कवच
डॉ.
संजय
ने
बताया
कि
फिलहाल
संयंत्र
में
एक
साल
के
अंदर
15
हजार
भाभा
जैकेट,
25
हेलीकॉप्टर,
100
बख्तरबंद
गाड़ियां
और
हजारों
की
संख्या
में
वेस्ट
पुलिस
जैकेट,
एनएसडी
जैकेट,
बीपी
हेलमेट
व
पटके
बनाए
जा
सकेंगे।
बॉर्डर
नजदीक
होने
की
वजह
से
चुना
रोहतक
डॉ.
संजय
ने
बताया
कि
रोहतक
से
न
सिर्फ
देश
की
राजधानी
नजदीक
है,
बल्कि
पाकिस्तान
का
बॉर्डर
भी
ज्यादा
दूर
नहीं
है।
जरूरत
पर
सैन्य
बलों
को
तुरंत
आपूर्ति
की
जा
सके,
इसलिए
रोहतक
को
संयंत्र
लगाने
के
लिए
चुना
गया
है।
विशेष
कपड़ा
व
कार्बन
नैनो
ट्यूब
से
बना
है
भाभा
कवच
डॉ.
संजय
ने
बताया
कि
भाभा
कवच
पूर्णरूप
से
सुरक्षित
है,
जिस
पर
एके-47
के
कई
हमले
भी
बेअसर
होते
हैं।
इसमें
विशेष
किस्म
का
कपड़ा
(अल्ट्रा
हाई
मॉलीक्यूल
वेट
पॉलीथिलीन
और
कार्बन
नैनो
ट्यूब
आदि
इस्तेमाल
होता
है।
नियमानुसार
75
फीसदी
कर्मी
होंगे
हरियाणा
के
चेयरमैन
ने
बताया
कि
संयंत्र
में
हरियाणा
राज्य
सरकार
के
नियमानुसार
70-75
फीसदी
कर्मी
हरियाणा
के
होंगे।
इसके
अलावा
अन्य
लोगों
को
भी
अस्थायी
रोजगार
मिलेगा।
उन्होंने
बताया
कि
जिन
लोगों
का
चयन
किया
जाएगा,
उनको
इंजीनियर
ट्रेनिंग
देंगे।
सर्विलांस
सिस्टम
और
सुरक्षा
पहरा
होगा
सख्त
चेयरमैन
ने
बताया
कि
संयंत्र
की
सुरक्षा
हर
पहलू
से
होगी।
न
सिर्फ
अपना
सर्विलांस
सिस्टम
काम
करेगा,
बल्कि
सुरक्षा
पहरा
भी
कड़ा
होगा।
इसके
अलावा
वॉच
टावर
भी
लगाए
जाएंगे।