बिहार में बीजेपी को झटका देने के बाद खास मिशन पर हरियाणा आ रहे हैं नीतीश कुमार
चंडीगढ़। बिहार में बीजेपी को झटका देने वाले नीतीश कुमार अब खास मिशन के साथ हरियाणा आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने में जुटे नीतीश कुमार कल फतेहाबाद में पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती पर कल होनेवाली सम्मान रैली में भाग लेने आ रहे हैं। नीतीश कुमार इस बार हरियाणा खास मिशन पर आ रहे हैं। बताया जाता है वह यहां क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मंत्रणा के बाद दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे और इस दौरान उनके साथ लालू प्रसाद यादव भी रहेंगे। विपक्षी एकता की मुहिम में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की भी अहम भूमिका होगी। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि इस रैली मेंं भाग नहीं लेगा और इससे एकता प्रयासों को झटका लगा है।
बताया जाता है कि नीतीश कुमार हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला की रैली में भाग लेने मौके को क्षेत्रीय दलों व कांग्रेस को एकजुट करने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं। जानकारी के अनुसार, फतेहाबाद रैली के तुरंत बाद नीतीश कुमार दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलेंगे। वह विपक्षी एकजुटता की खातिर विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय दलों व कांग्रेस के बीच गठजोड़ के लिए मनाएंगे। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात के दौरान बिहार के पूर्व सीएम व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी रहेंगे।
इसके साथ ही नीतीश क्षेत्रीय दलों को भी कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए मनाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। सूत्र बताते हैं कि हरियाणा में इनेलो को उन्होंने इसके लिए तैयार कर लिया है। इनेलो महासचिव अभय चौटाला ने कहा है कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ गठजोड़ में शामिल होने को तैयार है।
बता दें कि हरियाणा में इनेलो और कांंग्रेस अब तक एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते रहे हैं। राज्य में वे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दल रहे हैं, लेकिन भाजपा की हरियाणा में मजबूती और दो बार से सत्ता में काबिज रहने से हालात बदल चुके हैं। कांग्रेस राज्य में प्रमुख विपक्षी दल है तो इनेलो अपना सियासी आधार काफी हद तक गंवा चुका है और इसे दोबारा हासिल करने के लिए जोर लगा रहा है।
दूसरी ओर, इनेलो से अलग होकर चौटाला परिवार के ही अजय चौटाला व दुष्यंत चौटाला ने अपनी अलग जननायक जनता पार्टी बनाई थी। यह पार्टी हरियाणा में भाजपा की सहयोगी है। ऐसे में बिना जजपा को साथ लिए हरियाणा में विपक्षी एकता की बात बहुत असरदार नहीं मानी जा रही है।
इसके साथ ही पंजाब में शिरोमणि अकाली दल को कांग्रेस के साथ लाना आसान नहीं है। नीतीश ने पंजाब में बादल परिवार को मनाने की जिम्मेदारी प्रकाश सिंह बादल के करीबी मित्र ओमप्रकाश चौटाला को दी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला इसके लिए बादल परिवार को मना पाएंगे यह कहना बहुत मुश्किल है। दरअसल शिरोमणि अकाली दल का मुख्य राजनीतिक हथियार कांग्रेस विरोध ही रहा है। ऐसे में कांग्रेस के साथ आने से पंंजाब में उसकी सियासत पर गंभीर सवाल उठ जाएंगे।