हरियाणा सरकार ने किसानों को दिए 50 हजार करोड़ और भुगतान में देरी पर 9% का ब्याज
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 7वीं बैठक में भाग लेते हुए कहा कि हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को कार्यरूप देने की दिशा में कार्य कर रही है. सीएम मनो
चंडीगढ़,08 अगस्त: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 7वीं बैठक में भाग लेते हुए कहा कि हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को कार्यरूप देने की दिशा में कार्य कर रही है. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि छोटा राज्य होने के बाद भी देश की अर्थव्यवस्था में हरियाणा का महत्वपूर्ण योगदान है. इस दौरान बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष एवं सदस्य तथा केंद्र व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
उन्होंने बताया कि प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 74 हजार 635 रुपये है, जो देश के बड़े राज्यों में सर्वाधिक है. आर्थिक विकास के मानदण्डों पर भी हरियाणा देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है. हरियाणा की विकास दर वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक लगातर 6 प्रतिशत से अधिक है. मैन्युफैक्चरिंग की विकास दर 10 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है. विश्व की 400 फॉरच्यून कंपनियों के कार्यालय हरियाणा के गुरुग्राम में स्थापित हैं. मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्यातक राज्य है. उद्योगों को लॉजिस्टिक सुविधा देने में देश में दूसरे तथा उत्तर भारत में पहले स्थान पर है. हरियाणा का आधे से ज्यादा क्षेत्र NCR में आता है. हम इस क्षेत्र में उद्योग और व्यापार को बढ़ाने के लिए इसे लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित कर रहे हैं. हाल ही में जारी स्टेट ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में हरियाणा टॉप अचीवर्स कैटेगरी में शामिल है. एम.एस.एम.ई. के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए हरियाणा को देश में तीसरा स्थान मिला है. नीति आयोग के इनोवेशन इंडेक्स में हरियाणा देश के 3 शीर्ष राज्यों में शुमार है.
प्रदेश
में
कृषि
क्षेत्र
में
बागवानी
और
पशुपालन
का
शेयर
बढ़ा
बैठक
के
एजेंडा
के
बिंदुओं
का
जिक्र
करते
हुए
सीएम
ने
कहा
कि
हरियाणा
कृषि
प्रधान
राज्य
है.
केंद्रीय
खाद्यान्न
पूल
में
लगभग
15
प्रतिशत
योगदान
देता
है,
जबकि
इसका
क्षेत्रफल
देश
के
कुल
क्षेत्रफल
का
मात्र
1.34
प्रतिशत
है.
हमारी
कृषि
विकास
दर
लगभग
3.3
प्रतिशत
वार्षिक
है.
प्रदेश
में
उत्पादकता
अत्यधिक
है,
जो
कि
प्रति
हेक्टेयर
1
लाख
57
हजार
रुपये
है.
हमारी
लेबर
प्रोडक्टिविटी
3
लाख
3
हजार
रुपये
के
करीब
है.
इसकी
विकास
दर
लगभग
8.7
प्रतिशत
है,
जबकि
देश
की
लेबर
प्रोडक्टिविटी
विकास
दर
3.3
प्रतिशत
है.
इससे
स्पष्ट
है
कि
हमारे
यहां
किसान
की
आय
बढ़
रही
है.
प्रदेश
में
कृषि
क्षेत्र
में
बागवानी
और
पशुपालन
का
शेयर
बढ़
रहा
है,
जबकि
खाद्यान्न
का
कम
हो
रहा
है.
मनोहर
लाल
ने
कहा
कि
प्रदेश
में
नवीन
तकनीक
और
फसल
विविधिकरण
को
बढ़ावा
दिया
जा
रहा
है.
धान
की
जगह
अन्य
फसलें
बोने
पर
'मेरा
पानी-मेरी
विरासत'
योजना
में
7,000
रुपये
प्रति
एकड़
प्रोत्साहन
राशि
दी
जा
रही
है.
डी.बी.टी.
के
माध्यम
से
74,133
किसानों
के
खातों
में
76
करोड़
रुपये
की
प्रोत्साहन
राशि
डाली
गई
है.
इस
योजना
में
पिछले
दो
वर्षों
में
46,249
हेक्टेयर
क्षेत्र
का
विविधिकरण
हुआ
है.
बाजरे
की
जगह
दलहन-तिलहन
की
खेती
पर
10,000
रुपये
प्रति
हेक्टेयर
की
प्रोत्साहन
राशि
दी
जा
रही
है.
मक्का
में
62,
500
एकड़
और
दलहन
में
32,500
एकड़
क्षेत्र
में
विविधिकरण
हुआ.
धान
की
बिजाई
(DRS)
पर
भी
10,000
रुपये
प्रति
हेक्टेयर
राशि
दी
जा
रही
है.
इससे
25
से
30
प्रतिशत
तक
पानी
की
बचत
हो
रही
है.
हरियाणा
में
ड्रैगन
फ्रूट
की
खेती
के
लिए
विशेष
योजना
सीएम
मनोहर
लाल
ने
प्रधानमंत्री
द्वारा
ड्रैगन
फ्रूट
की
खेती
को
प्रोत्साहित
करने
का
जिक्र
करते
हुए
कहा
कि
हरियाणा
पहला
राज्य
है,
जिसने
प्रधानमंत्री
के
विजन
को
साकार
करते
हुए
ड्रैगन
फ्रूट
के
साथ-साथ
खजूर
की
खेती
को
भी
बढ़ावा
देने
के
लिए
एक
विशेष
योजना
शुरू
की
है.
इसमें
ड्रैगन
फ्रूट
के
लिए
3
लाख
रुपये
प्रति
हेक्टेयर
की
सब्सिडी
प्रदान
की
जाती
है.
सीएम
मनोहर
लाल
ने
कहा
कि
फलों
और
सब्जियों
के
भावों
में
गिरावट
के
समय
किसानों
को
जोखिम
से
मुक्त
करने
के
लिए
भावांतर
भरपाई
योजना
चलाई
जा
रही
है.
इसमें
21
बागवानी
फसलों
के
अलावा
बाजरा
भी
शामिल
है.
बाजरे
पर
600
रुपये
प्रति
क्विंटल
भावांतर
और
लगभग
429
करोड़
रुपये
2
लाख
38
हजार
245
किसानों
के
खातों
में
सीधे
डाले
गए
हैं.
बाजरे
का
एक
भी
दाना
खरीदे
बिना
ही
किसान
को
सही
भाव
दिया
है.
इससे
भंडारण
आदि
के
खर्च
का
करदाता
पर
अनावश्यक
बोझ
नहीं
पड़ा.
वहीं
बागवानी
किसानों
को
मौसम
की
अनिश्चितताओं
के
जोखिम
से
भी
मुक्त
करने
के
लिए
'मुख्यमंत्री
बागवानी
बीमा
योजना'
शुरू
की
गई
है.
इसमें
बागवानी
की
21
फसलें
शामिल
हैं.
सब्जियों
के
लिए
75,000
रुपये
और
फलों
के
लिए
1
लाख
रुपये
प्रति
हेक्टेयर
क्लेम
राशि
दी
जाती
है,
जबकि
प्रीमियम
मात्र
2.5
प्रतिशत
है
जो
सब्जियों
के
लिए
1875
रुपये
और
फलों
के
लिए
2500
रुपये
प्रति
हेक्टेयर
है.
50,000
करोड़
से
अधिक
की
राशि
किसानों
के
खातों
में
डाली
गई
मेरी
फसल-मेरा
ब्योरा
पोर्टल
से
किसानों
को
उनकी
उपज
के
लिए
50,000
करोड़
रुपये
से
अधिक
की
राशि
डी.बी.टी.
के
माध्यम
से
उनके
खातों
में
डाली
गई.
उपज
का
भुगतान
भी
72
घंटे
के
भीतर
न
करने
पर
9
प्रतिशत
ब्याज
दिया
गया.
बीज
विक्रेताओं
की
मनमानी
रोकने
के
लिए
उत्तम
बीज
पोर्टल
शुरू
किया
गया.
मशीनरी
पर
सब्सिडी
के
लिए
ई-रुपे
वाउचर
दिया
जा
रहा
है.
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
खेती
में
मांग
आधारित
विविधिकरण
की
आवश्यकता
है.
खेती
को
जितना
बाजार
से
जोड़ा
जाएगा
और
बाजार
की
मांग
के
अनुसार
विविधिकरण
किया
जाएगा,
उतनी
ही
आय
बढ़ेगी.
वहीं हरियाणा प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्धता में देश में दूसरे स्थान पर है. किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर 'पशु किसान क्रेडिट कार्ड' जारी किया जा रहा है. 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुधन सुरक्षा योजना' के तहत 3 लाख 40 हजार पशुओं का बीमा किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मत्स्य पालन में संभावनाएं काफी अधिक हैं. राज्य में 12 रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम व 20 बायोफलक यूनिट की स्थापना की गई है. वर्ष 2021-22 में 2.09 लाख मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया गया. वर्ष 2022-23 में 2.10 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2021-22 में 1250 एकड़ क्षेत्र में 2901 मीट्रिक टन सफेद झींगा मछली का उत्पादन किया. गोबर व कृषि अवशेषों से भी आय के लिए बायोगैस को बढ़ावा दिया ज रहा है. हम रासायनिक खेती से प्राकृतिक खेती की ओर जा रहे हैं. प्राकृतिक खेती पोर्टल पर 2804 किसानों द्वारा पंजीकरण किया गया है.
राष्ट्रीय
शिक्षा
नीति-2020
को
वर्ष
2025
तक
लागू
करने
का
लक्ष्य
मनोहर
लाल
ने
कहा
कि
हमने
नई
राष्ट्रीय
शिक्षा
नीति-2020
को
वर्ष
2025
तक
लागू
करने
का
लक्ष्य
रखा
है.
इसके
लिए
शिक्षा
मंत्री
की
अध्यक्षता
में
एक
उच्चस्तरीय
समिति
का
गठन
किया
गया
है.
हमने
हर
बच्चे
की
शिक्षा
तक
सुगम
पहुंच
सुनिश्चित
करने,
नई
शिक्षा
नीति
के
अनुरूप
शिक्षण
के
लिए
शिक्षकों
को
तैयार
करने
और
अनुकूल
बुनियादी
ढांचा
उपलब्ध
करवाने
के
व्यापक
प्रयास
किए
हैं.
प्रदेश
में
1
कि.मी.
में
प्राथमिक,
3
कि.मी.
में
माध्यमिक
विद्यालय
मौजूद
है.
साथ
ही
विद्यार्थियों
के
लिए
मुफ्त
परिवहन
सुविधा
भी
उपलब्ध
है.
शिक्षा
के
माध्यम
के
रूप
में
अंग्रेजी
की
आवश्यकता
को
समझते
हुए
138
राजकीय
मॉडल
संस्कृति
वरिष्ठ
माध्यमिक
विद्यालय
नाम
से
अंग्रेजी
माध्यम
के
तथा
CBSE
बोर्ड
के
विद्यालयों
की
स्थापना
की
गई
है.
मेधावी
विद्यार्थियों
को
मुफ्त
कोचिंग
हेतु
सुपर-100
कार्यक्रम
चलाया
जा
रहा
है.
पिछले
2
वर्षों
में
इस
कार्यक्रम
में
कोचिंग
पाने
वाले
80
विद्यार्थियों
को
IIT's,
NIT's
में
इंजीनियरिंग
तथा
मेडिकल
कालेजों
में
MBBS
में
दाखिला
मिला
है.
राजकीय
विद्यालयों
में
पढ़ने
वाले
विद्यार्थियों
के
लिए
ऑनलाइन
शिक्षा
का
प्रबन्ध
करने
के
10वीं-12वीं
के
5
लाख
विद्यार्थियों
को
मुफ्त
टेबलेट
वितरित
कि
गए
हैं.
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
ऑनलाइन
टीचर
ट्रांसफर
पॉलिसी
लागू
करने
वाला
हरियाणा
देश
का
पहला
राज्य
है.
राज्य
के
93%
अध्यापकों
को
उनका
इच्छित
स्कूल
मिला.
हरियाणा
में
शिक्षा
के
क्षेत्र
में
निरंतर
किए
जा
रहे
सुधारों
के
परिणामस्वरूप
नेशनल
अचीवमेंट
सर्वे-2021
में
बेहतर
प्रदर्शन
किया
है.
सर्वे
2021
के
अनुसार
प्रदेश
के
सरकारी
स्कूलों
का
प्रदर्शन
प्राइवेट
स्कूलों
से
बेहतर
रहा
है.
सर्विस
डिलीवरी
के
लिए
आई.टी.
का
उपयोग
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
केंद्रीकृत
GIS
आधारित
संपत्ति
कर
सर्वेक्षण
में
42
लाख
संपत्तियों
का
सर्वे
किया
गया
है.
प्रदेश
में
नो
ड्यूस
सर्टिफिकेट
के
लिए
एनडीसी
पोर्टल
शुरू
किया
गया
है.
संपत्ति
आई.डी.
को
परिवार
पहचान-पत्र
से
जोड़ा
गया
है.
विज्ञापन
स्थलों
की
ई-नीलामी
के
लिए
ऑनलाइन
पोर्टल
शुरू
किया
गया
है.
2
हजार
से
अधिक
कॉलोनियों
को
नियमित
करने
का
निर्णय
लिया
गया
है.
वहीं
114
तालाबों
का
अमृत
सरोवर
योजना
में
जीर्णोंद्धार
प्रस्तावित
है.
सर्विस
डिलीवरी
के
लिए
आई.टी.
का
उपयोग
किया
जा
रहा
है.
35
शहरों
में
सर्विस
प्लस
प्लेटफार्म
द्वारा
नागरिक
केंद्रित
सेवाएं
उपलब्ध
करवाई
जा
रही
हैं.
नगरनिकायों
के
लाल
डोरा
में
भी
स्वामित्व
अधिकार
देने
की
योजना
पर
काम
किया
जा
रहा
है.