हरियाणा: 12 जिलों के किसान देंगे जल संरक्षण का संदेश, एक लाख एकड़ में होगी धान की सीधी बिजाई
यमुनानगर: गिरते भू जलस्तर को देखते हुए इस बार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) पर जोर दिया रहा है। प्रदेश के 12 जिलों में एक लाख एकड़ पर बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यमुनानगर में छह हजार एकड़ में धान की सीधी बिजाई होगी। प्रति एकड़ किसान चार हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इसके अलावा बिजाई के लिए 500 डीएसआर मशीनें भी अनुदान पर उपलब्ध करवाने की याेजना है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस बार किसानों में डीएसआर के प्रति खास रुझान है।

इन
जिलों
में
होगी
बिजाई
कृषि
एवं
किसान
कल्याण
विभाग
के
मुताबिक
धान
की
सीधी
बिजाई
(डीएसआर)
के
लिए
प्रदेश
के
धान
उत्पादक
12
जिलों
को
चुना
है।
अंबाला
में
सात
हजार
एकड़,
यमुनानगर
में
छह
हजार,
करनाल
में
10
हजार,
कुरुक्षेत्र
में
10
हजार,
कैथल
में
11
हजार,
पानीपत
में
छह
हजार,
जींद
में
11
हजार,
सोनीपत
में
छह
हजमार,
फतेहाबाद
में
नौ
हजार,
सिरसा
में
आठ
हजार,
हिसार
में
आठ
हजार
व
रोहतक
में
भी
आठ
हजार
एकड़
में
धान
की
सीधी
बिजाई
होगी।
इसके
लिए
इन
दिनों
विभागीय
अधिकारी
इन
दिनों
किसानों
को
जागरूक
करने
में
जुटे
हुए
हैं।
ये
हैं
फायदे
धान
की
सीधी
बिजाई
का
एक
नहीं
बल्कि
विशेषज्ञों
द्वारा
कई
फायदे
गिनाए
जा
रहे
हैं।
विशेषज्ञों
के
अनुरूप
सीधी
बिजाई
करने
पर
30-35
फीसद
पानी
की
बचत
होती
है
और
लेबर
की
समस्या
से
भी
निजात
मिल
जाती
है।
इसके
अतिरिक्त
लागत
खर्च
घट
जाता
है
और
पौधों
की
संख्या
पूरी
होने
के
कारण
पैदावार
भी
अव्वल
रहती
है।
खाद-खुराक
सीधे
तौर
पर
पौधे
की
जड़ों
में
जाता
है
और
कीड़े
व
बीमारियों
का
प्रकोप
भी
कम
रहता
है।
कम
अवधि
वाली
संकर
किस्मों
व
बासमती
किस्म
की
धान
के
लिए
यह
विधि
काफी
कारगर
बताई
जा
रही
है।
स
तकनीकी
से
मशीन
के
माध्यम
से
धान
की
बिजाई
होती
है।
खेत
में
पानी
खड़ा
करने
या
कद्दु
करने
की
आवश्यकता
नहीं
रहती
है।
सूखे
खेत
में
ही
धान
की
बिजाई
हो
सकती
है।
किसानों
के
लिए
बड़ी
खुशखबरी:
धान
की
सीधी
बिजाई
करने
पर
हरियाणा
सरकार
देगी
4000
रु.
प्रति
एकड़
डॉ. जसविंद्र सैनी के मुताबिक धान की सीधी बिजाई किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है। फसल पर बढ़े रही लागत व गिरते भू जलस्तर के मद्देनजर किसानों द्वारा इस पद्धति को अपनाया जाना जरूरी है। न केवल पानी व समय की बचत होती है बल्कि पैदावार में भी इजाफा होता है। किसान को प्रति एकड़ सात हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। बीते वर्ष जिले में इस विधि द्वारा बिजाई के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इस वर्ष उम्मीद है लक्ष्य से अधिक बिजाई होगी।