जानिए सावन को क्यों कहते हैं प्रेम का महीना, क्या है इसका बारिश से रिश्ता?
नई दिल्ली। सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है, इस माह में शिव की पूजा करने से ही आपको फल की प्राप्ति होगी, यही नहीं अगर आप अपने घर के कलह से परेशान है या अपने व्यवसाय को लेकर चिंतित है या घर के वास्तु दोष से दुखी है तो परेशान मत होइये भोलेनाथ की पूजा कीजिये आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। सावन में शिव पूजन कर जीवन से हर तरह की परेशानियों को मिटाया जा सकता है।
बरिश और सावन
सावन के महीने में सबसे ज्यादा बारिश होती है, जो शिव के गर्म शरीर को ठंडक प्रदान करती है। भगवान शंकर ने स्वयं सनतकुमारों को सावन महीने की महिमा बताई है कि मेरे तीनों नेत्रों में सूर्य दाहिने, बाएं चन्द्रमा और अग्नि मध्य नेत्र है। जब सूर्य कर्क राशि में गोचर करता है, तब सावन महीने की शुरुआत होती है। सूर्य गर्म है, जो ऊष्मा देता है, जबकि चंद्रमा ठंडा है जो शीतलता प्रदान करता है। इसलिए सूर्य के कर्क राशि में आने से झमाझम बारिश होती है। जिससे लोक कल्याण के लिए विष को पीने वाले भोलेनाथ को ठंडक व सुकून मिलता है। इसलिए शिव का सावन से इतना गहरा लगाव है।
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सावन और साधना
सावन और साधना के बीच चंचल और अति चलायमान मन की एकाग्रता एक अहम कड़ी है, जिसके बिना परम तत्व की प्राप्ति असंभव है। साधक की साधना जब शुरू होती है, तब मन एक विकराल बाधा बनकर खड़ा हो जाता है, उसे नियंत्रित करना सहज नहीं होता। लिहाजा मन को ही साधने में साधक को लंबा और धैर्य का सफर तय करना होता है इसलिए कहा गया है कि मन ही मोक्ष और बंधन का कारण है।
प्यार का महीना
सावन का महीना प्यार का महीना कहा जाता है, इस महीने में उपवास रखने से ही माता पार्वती को मनचाहे भगवान शिव वर के रूप में प्राप्त हुए थे इसलिए अगर आप वाकई में किसी से प्रेम करते हैं या करती हैं तो इस सावन महीने में सोमवार को व्रत कीजिये यकीन मानिए आपका प्यार हमेशा के लिए आपका हो जायेगा।
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