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सावन में करें शिवपुराण का पाठ, कष्टों से पायें मुक्ति

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नई दिल्ली। आज सावन का तीसरा सोमवार है, आज भक्तजनों की भारी भीड़ शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए देखी जा सकती है, कहते हैं कि सावन के इस महीने में प्रत्येक जातक को शिवपुराण का पाठ करना चाहिए क्योंकि यह पाठ ही आपको सारे कष्टों से मुक्ति करायेगा।

क्या है शिवपुराण?

'शिवपुराण' एक प्रमुख तथा सुप्रसिद्ध पुराण है, जिसमें परात्मपर परब्रह्म परमेश्वर के 'शिव' (कल्याणकारी) स्वरूप का तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा एवं उपासना का सुविस्तृत वर्णन है। भगवान शिवमात्र पौराणिक देवता ही नहीं, अपितु वे पंचदेवों में प्रधान, अनादि सिद्ध परमेश्वर हैं एवं निगमागम आदि सभी शास्त्रों में महिमामण्डित महादेव हैं। इसी कारण लोग शिवलिंग की पूजा करते हैं। शिवपुराण में चौबीस हजार श्लोकों है। सात संहिताओं से युक्त यह दिव्य शिवपुराण परब्रह्म परमात्मा के समान विराजमान है और सबसे उत्कृष्ट गति प्रदान करने वाला है।

जानिए क्यों कहा जाता है सावन में ना खाओ मांस और रहो बीवी से दूर?

आईये डालते हैं इसके महत्व पर एक नजर...

शिव का अर्थ ही है- कल्याणदाता

शिव का अर्थ ही है- कल्याणदाता

अर्थात केवल शिव की ही पूजा करने से इंसान के सारे दुखों का नाश हो जाता है।

सावन है शंकर जी का प्रिय महीना

सावन है शंकर जी का प्रिय महीना

महादेव को श्रावण मास वर्ष का सबसे प्रिय महीना लगता है। क्योंकि श्रावण मास में सबसे अधिक वर्षा होने के आसार रहते है, जो शिव के गर्म शरीर को ठंडक प्रदान करती एंव हमारी कृषि के लिए भी अत्यन्त लाभकारी है।

रूद्रावतार हनुमान

रूद्रावतार हनुमान

शिवपुराण में प्रमाण है कि एक बार रूद्रावतार हनुमान जी ने राजाओं से कहा था कि श्री शिवजी की पूजा से बढ़कर और कोई तत्व नहीं है। इसलिए अगर कष्टों से मुक्ति चाहिए तो शिव की अराधना कीजिये।

शिवमहापुराण ही मान्य

शिवमहापुराण ही मान्य

कहते हैं कि देवर्षि नारद के प्रश्न और ब्रह्मा जी के उत्तर पर ही श्री शिव महापुराण की रचना हुई है। चारों वेद और अन्य सभी पुराण, श्री शिवमहापुराण की तुलना में नहीं आ सकते। प्रभू शिव की आज्ञा से विष्णु के अवतार वेदव्यास जी ने श्री शिवमहापुराण को 24672 श्लोकों में संक्षिप्त किया है। ग्रन्थ विक्रेताओं के पास कई प्रकार के शिवपुराण उपलब्ध है परन्तु वे मान्य नहीं है केवल 24672 श्लोकों वाला श्री शिवमहापुराण ही मान्य है।

शिवमहापुराण ही मान्य

शिवमहापुराण ही मान्य

श्री शिवमहापुराण पढते समय जो ज्ञान प्राप्त हुआ उसे व्यवहार में लावें। श्री शिव महापुराण एक गोपनीय ग्रन्थ है। जिसका पठन (परीक्षा लेकर) सात्विक, निष्कपटी, प्रभू शिव में श्रद्धा रखने वालों को ही सुनाना चाहिए।

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English summary
The Shiva Purana or Shiva Mahapurana is the supreme Purana of the Shaivites. Shiv Purana is written by Rishi ved Vyas. In Sawan it is very important for pooja.
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