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Video: जयपुर में गुलज़ार की कविताएं उन्हीं की जुबानी
जयपुर। इन दिनों पिंकसिटी जयपुर साहित्यकारों, कवियों और कलाकारों की खूबसूरती से सजा हुआ है लेकिन इस महफिल को नगमों से और निखारा मशहूर शायर, साहित्यकार और कवि गुलजार ने।
#Award Returns: पहले नाम से पहले धर्म नहीं पूछा जाता था : गुलजार
साहित्य सम्मेलन के चौथे दिन शब्दों के महारथि गुलजार लोगों से मुखातिब हुए और एक बार फिर अपने करिश्माई ख्यालों और दिल छू लेने वाली शायरी से लोगों का दिल जीत लिया।
Video: कलाम की कहानी, गुलजार की जुबानी
इस बार ना तो गुलजार ने साहित्य सम्मेलन में कोई बयान दिया और ना ही किसी को सलाह दी, बस उन्होंने वहां अपनी नौ नज्में पढ़ीं जिसे सुनने के बाद डिग्गी पैलेस में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने तालियां ना बजायी हो।
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English summary
Words flowed into a rhythmic pattern on the fourth day of the ZEE Jaipur Literature Festival as two of the most renowned and popular lyricists - Gulzar and Javed Akhtar - held sessions on the art of poetry.
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